मंडी की राजनीति, प्रतिभा बोलीं इस बार जनता चंपा ठाकुर को दे सेवा का मौका, आश्रय शर्मा बोले हाईकमान से करूंगा शिकायत

हिमाचल की अर्थव्यवस्था के सुधारने के लिए बजट में कुछ खास नहीं
pratibha singh pic

उज्ज्वल हिमाचल। मंडी

मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर 15 साल राजनीति में सक्रिय है, वह सुख दुख में सदर हलके की जनता के साथ खड़ी हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की जनता उन्हें भारी मतों से विजयी बनाकर विधानसभा में भेजें। प्रतिभा सिंह ने सोमवार को सांसद आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत सदर हलके के वीर, तरनोह, सदोह, कसाण, कोटली, भरगांव व दुदर पंचायत में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया। उपचुनाव में समर्थन देने के लिए क्षेत्र की जनता का आभार जताया। बकौल प्रतिभा सिंह, महिलाओं को पहले कोई मान सम्मान नहीं मिलता था। वो घर की चार दीवारी में कैद रहती थी।

जनसभाओं में भाग लेने के बारे में नहीं सोच सकती थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने पंचायती राज संस्थानों में 33 फीसद सीटों का प्रावधान कर महिलाओं को मान सम्मान दिलाने का काम किया था। कांग्रेस हमेशा महिला हितैषी रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उपचुनाव में जिस तरह का समर्थन देकर उन्हें दिल्ली भेजा, ठीक उसी तर्ज पर चंपा ठाकुर को भी विधानसभा में भेजकर सेवा करने का मौका दें। प्रतिभा सिंह के इस बयान को लेकर प्रदेश कांग्रेस महासचिव आश्रय शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि टिकट देना या किसी को सार्वजनिक मंच से प्रत्याशी घोषित करना शीर्ष नेतृत्व का काम है।

प्रतिभा सिंह ऐसे बयान देकर स्थानीय नेताओं में विवाद पैदा करने का काम कर रही हैं। वह इसकी शिकायत राहुल गांधी, वेणुगोपाल व प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला से करेंगे। बकौल आश्रय शर्मा, कुछ ही दिनों में प्रतिभा सिंह का सदर हलके का यह दूसरा प्रवास है। मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 हलके हैं। पंचायत स्तर पर प्रवास के लिए सिर्फ सदर हलके को जानबूझ कर चुना गया है। प्रतिभा सिंह ने अपने पिछले प्रवास के दौरान सराज हलके में चेतराम ठाकुर को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। इसको लेकर भी खूब बवाल हुआ था और प्रतिभा सिंह को सफाई देनी पड़ी थी। कार्यक्रम में ब्लाक अध्यक्ष ओम प्रकाश व चंपा ठाकुर उपस्थित रही, जबकि आश्रय शर्मा ने दूरी बनाए रखी। उन्होंने प्रतिभा सिंह के सदर हलके के पिछले प्रवास में भी भाग नहीं लिया था।