‘मन की बात’: जल हमारे लिए जीवन और आस्था: पीएम माेदी

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष के दूसरे ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। मासिक रेडियो कार्यक्रम का यह 74वां एपिसोड है। पीएम मोदी ने कहा कि जल हमारे लिए जीवन और आस्था है। पानी, परसा से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसके संरक्षण के लिए हमें प्रयास करने की जरूरत है। मन की बात कार्यक्रम को रेडीयो के अलवा पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल, फेसबुक पेज और मोदी ऐप के जरिए भी इसे सुना जा सकता है। यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है।

इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है। जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है। पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है। वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है। जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्त्व की चर्चा होती है, तो ये चर्चा एक नाम के बिना पूरी नहीं होती। ये नाम है संत रविदास जी का। माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास की जयंती भी होती है। कल माघ पूर्णिमा का पर्व था।

माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है। माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है। इससे पहले 15 फरवरी को पीएम ने मन की बात के लिए लोगों से अलग-अलग विषयों पर उनके सुझाव मांगे थे। पीएम ने ट्वीट किया था कि प्रेरक उदाहरणों के माध्यम से जनवरी के ‘मन की बात’ ने कला, संस्कृति, पर्यटन और कृषि नवाचार से लेकर विविध विषयों पर प्रकाश डाला। फरवरी में कार्यक्रम के लिए ऐसे और प्रेरक उपाख्यान सुनना पसंद करेंगे, जो 28 तारीख को होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को हिंदी या अंग्रेजी में अपना संदेश रिकॉर्ड करने के लिए टोल-फ्री नंबर भी साझा किया था।

जनवरी में अंतिम मन की बात में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ चल रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए कहा था कि संकट के समय में भारत दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि आज वह दवाओं और टीके को लेकर आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है। भारत, जितना सक्षम होगा, उतनी ही अधिक मानवता की सेवा करेगा, उतना ही अधिक लाभ दुनिया को होगा।