कारगिल शहीद पदम् सिंह का शहीदी दिवस मनाया

25 जुलाई को कारगिल युद्ध में हुए थे शहीद, देश के नाम प्राणों की दी थी आहुति

उज्जवल हिमाचल। इंदौरा

इंदाैरा विधानसभा के अंतर्गत आते गांव के पदम् सिंह 25 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देकर देश के नाम शहीद हो गए, लेकिन बहुत शर्म की बात है कि आज तक इस शहीद के स्मारक व उनके गांव भ्रूई में कोई भी सड़क मार्ग नहीं है। शहीद के घर तक जाने के लिए खेतों में बनी एक पगडंडी से होकर जाना पड़ता है। किसी भी सरकार ने 21 वर्षों में आज तक सड़क का निर्माण नही किया है, जो कि शहीद की शहीदी का अपमान होता नजर आ रहा है। शहीद पदम् सिंह के परिवार के सदस्यों व गांव निवासियों ने बताया कि पदम सिंह को शहीद हुए करीब 21 वर्ष हो गए हैं और अभी तक इस गांव को सड़क मार्ग नहीं मिला है।

उन्होंने कहा उन्हें आश्वासन ही मिले हैं और जमीनी स्तर पर अभी तक कोई भी कार्य अमल में नहीं लाया गया है। शहीद पदम सिंह के सपुत्र राहुल सिंह ने बताया कि जब उनके पिता कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे, तब मेरी (राहुल सिंह) की आयु 33 दिन थी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि हमारे गांव की सड़क बनाई जाए, ताकि शहीद को उनकी शहीदी का सही सम्मान मिल सके।

वहीं, विधायक रीता धीमान शहीद पदम सिंह के सम्मारक पर पहुंच कर उन्होंने उनकी सामाधि पर माथा टेका इसी दौरान रीता धीमान की आंखे नम हो गईं। विधायक रीता धीमान ने गांव वासियों को कहा की शहीद के घर से शहीद स्मारक तक जो 500 मीटर कच्चा रास्ता है, मैं उस रास्ते की तत्काल निर्माण की घोषणा करती हूं।

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