स्कूल खोलने को लेकर गाइडलाइंस का किया जाएगा पूरा पालन

सेक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल डलहौज़ी में हुई बैठक

बनीखेत। तलविंदर सिंह

देश में कोरोना संक्रमण अब धीरे धीरे नियंत्रण में आ रहा है,लेकिन अभी संक्रमण का खतरा पुरी तरह से खत्म नहीं हुआ है वहीं कोरोना की वैक्सीन का टीकाकरण अभियान भी सरकार के द्वारा व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। इसके कारण, अब ज्यादातर राज्यों में स्कूल खोलने का फैसला किया गया है। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के कारण बंद होने के एक साल बाद अब पर्यटन नगरी डलहौज़ी के स्कूल भी फिर से खुलने जा रहे हैं। इसी को लेकर आज सेक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल डलहौज़ी की प्रिंसिपल सिस्टर मौली ने पत्रकारों से वार्ता कर स्कूल को फिर से खोलने की योजना को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान सेक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल डलहौज़ी की प्रिंसिपल सिस्टर मौली ने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर जो भी सरकार की गाइडलाइन है, सभी को फॉलो किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ऑड-इवन रोल नंबर के हिसाब से छात्रों को स्कूल में बुलाया जाएगा। जहाँ आधे बच्चों की स्कूली पढ़ाई होगी, वहीं आधे बच्चों की पहली कक्षा होगी, जिससे कक्षा मिस नहीं होगी और समय पर सिलेबस पूरा होगा। स्कूल में सोशल डिस्टेंस, फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा।उन्होंने कहा कि इस समय स्कूल में आठवीं से बाहरवीं तक के छात्रों को स्कूल में बुलाया जा रहा है। बाहर से आने वाले बॉर्डर्स के साथ अधिकाँश बच्चों के लिए कोरोना की नेगिटिव रिपोर्ट लाना सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो छात्र कोरोना की रिपोर्ट नहीं लाया है, उसका नागरिक अस्पताल में कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है और इसके लिए नागरिक अस्पताल डलहौज़ी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बिपिन ठाकुर सहित पुरे स्टाफ का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर बॉर्डर्स और डे बॉर्डर्स स्टूडेंट्स को अलग अलग रखा गया है और उन्हें एक दुसरे से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय डलहौज़ी सहित जिला चंबा में कोरोना पूरे नियंत्रण में है, लेकिन फिर भी कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही स्कूल प्रबंधन के द्वारा नहीं बरती जाएगी।इसके साथ साथ स्कूल में पैरेंट्स लगातार स्कूल बसें चलाने की मांग करते रहें हैं ,इस पर भी विस्तार से चर्चा की गई। प्रिंसिपल सिस्टर मौली ने कहा कि यदि पैरेंट्स बस का खर्च वहन करने के लिए तैयार होते हैं तो स्कूल बसें चलाने को लेकर इस पर विचार किया जायेगा।