सेब के गिरते दामों पर भड़के जिला परिषद शिमला के सदस्य

बोले हिमाचल पर छाया आर्थिकी संकट

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

जिला परिषद सदस्यों ने हिमाचल प्रदेश की 5 हज़ार करोड़ की आर्थिकी सेब के गिरते दामों पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक 1 रूपए का मुआवज़ा तक किसानों को नहीं मिल पाया है। अडानी-लदानी हिमाचल को लूटने का काम कर रहे हैं। सरकार मूकदर्शक बन कर रह गई है कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा। जिला परिषद सरस्वती वार्ड से कौशल मूंगटा ने कहा कि पहले किसानों का बेमौसमी बारिश के कारण व ओलों के कारण भारी नुकसान हुआ है, उसका मुआवज़ा एक रूपए भी नहीं मिला।

उसके बावजूद भी बागबानों ने कुछ नहीं कहा, लेकिन अब सेब के गिरते दामों को देखते हुए बागबानाें की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सेब की फ़सल के लिए बागबान खर्च करता है, सिर्फ उसकी भरपायी हो रही है बड़े से बड़ा किसान आज रो रहा है। वहीं, जिला परिषद सदस्य बढ़ाल विशाल शांकटा का कहना है कि जम्मू कश्मीर के तर्ज पर हिमाचल में भी MIS के तहत सेब खरीदा जाए, जिसमें A ग्रेड सेब 60 से 70 रूपए B ग्रेड 45 से 50 और C ग्रेड जो यहां nafed 9.50 रूपए में खरीद रहा है।

अडानी 12 रूपए kg वो j&k में 25 रूपए खरीदा जाता है, उसी तरिके से हिमाचल में भी खरीदा जाए। डोडरा क्वार सदस्या मोनिका मोनिता चौहान का कहना है सरकार अनदेखी बागबानों की कर रही है, जिसका हिमाचल की आर्थिकी को धक्का लगने वाला है। पहले औलावृष्टि हुई, तब भी सरकार की तरफ से बागबानों की मदद के लिए कदम नहीं उठाए गए। अब सेब तैयार है, तो मार्केट धड़म से गिर गई है।