दिव्यांग नाबालिग बच्ची को अगवा कर दुराचार का प्रयास

भूषण शर्मा। नूरपुर

कुठेड़ गांव में कुछ दिन पहले एक दिव्यांग नाबालिग बच्ची को अगवा कर दुराचार करने का प्रयास किया गया था। गांव वालों ने लड़के को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था और पुलिस ने मामला दर्ज कर दिव्यांग नाबालिग बच्ची का मेडिकल करवाया। जब सारी घटना की जानकारी ऐंजल दिव्यांग व अनाथ आश्रम की संस्थापिका अल्का शर्मा के पास पहुंची तो वे तुरन्त मौके पर कुठेड़ गांव दिव्यांग नाबालिग बच्ची से मिलने उनके घर पहुंची।

ऐंजल दिव्यांग व अनाथ आश्रम की संस्थापिका अल्का शर्मा ने बताया कि उन्हें दिव्यांग नाबालिग बच्ची के मामले की जानकारी मिली और सुनकर बहुत दुःख हुआ। मानसिक रोगी है 14 बर्षीय बच्ची। उसके साथ किसी ने दुराचार करने की कोशिश की है ऐसे जो भी केस मानसिक रोगी बच्चो के साथ या दिव्यांग बच्चों के साथ सामने आते हैं तो ये हम सबके लिए बहुत ही शर्मनाक घटना है। हिमाचल देवभूमि के नाम से जाना जाता है और देवभूमि में ऐसे कार्य हो रहे है ये सभी हिमाचल वासियों के लिए बड़ी शर्म की बात है। इंसान की सोच ऐसी हो चुकी है कि स्वास्थ्य लोगों के साथ तो ऐसी घटना घटित हो रही है अब मानसिक रोगी को भी नही छोड़ा जा रहा है। मानसिक रोगी बच्ची के माता पिता भी ऐसे है कि वो भी अपनी इस बच्ची को ये नही बता सकते कि बाहर नही जाना या किसी के साथ नही जाना। सरकार व प्रशासन से आग्रह है कि इस केस के लिए सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। पुलिस द्वारा सराहनीय कार्य किया कि लड़के को पकड़ लिया गया। मानसिक रोगी बच्ची को मोटरसाइकिल पर बैठकर जबरदस्ती (अपहरण) किया गया और दुराचार का मामला लगना चाहिए ओर लगा भी है। पुलिस ने धारा 363,354 डी ओर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

अल्का शर्मा ने बताया ये जो कार्यवाही की गई है वो नाकाफी है। समाज मे इन बच्चो की कैसे सहायता की जाए, इन बच्चों के साथ हमे कैसे पेश आना है। अगर आने वाली पीढ़ियों को ये सिखाना है तो इन आरोपियों के खिलाफ बहुत सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।अगर ऐसे आरोपियों को पकड़कर छोड़ दिया जाता है तो फिर इनके हौंसले बुलंद होंगे। अल्का शर्मा ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि जो ऐंजल दिव्यांग व अनाथ आश्रम खोल रखा है उसमें दिव्यांग बच्चें जो मानसिक रोगी भी है, शारीरिक रूप से अस्वस्थ बच्चें भी है आते है। इन बच्चों का जितना इलाज जरूरी है उतनी सुरक्षा भी जरूरी है। सरकार से मेरा आग्रह है कि ऐंजल दिव्यांग आश्रम के लिए सहायता की जाए ताकि सभी बच्चों को स्वास्थ्य सेवा के साथ साथ सुरक्षा व पढ़ाई का एक ही जगह पर हो सके ताकि उन सभी बच्चों को कही बाहर न जाना पड़े ओर हर सुरक्षा के साथ वे बच्चे अपने जीवन मे आगे बढ़ सकें।