लोगों के साथ छलावा या तुगलकी फरमान है नगर निगम : ग्रामीण संघर्ष समिति

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा सूबे में नई निगम के गठन को लेकर सियासत का नया दौर शुरू हो गया है। अगर बात मंडी को नगर निगम का दर्जा देने की बात करें, तो नगर निगम बनाने पर जहां वर्तमान भाजपा सरकार इसे एक उपलब्धि गिना रही है, वहीं नगर निगम के खिलाफ संघर्षरत ग्रामीण संघर्ष समिति इसे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के साथ एक छलावा और सरकार का तुगलकी फरमान बता
रही है।

इसके साथ ही मंडी सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने भी नगर निगम मंडी के गठन का स्वागत किया है, लेकिन प्रदेश सरकार के निर्णय को ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भरोसे में नहीं लेने की बात कही गई है। अनिल शर्मा ने नगर निगम बनाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता पर विकास को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जिला मंडी भाजपा प्रवक्ता तेजेंदर ठाकुर ने मंडी को नगर निगम बनाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा मंडी को नगर निगम बनाने का निर्णय जिला के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम बनने से शहर में सड़कें, पुल व सीवरेज व्यवस्था सहित अन्य विकास कार्यों के लिए सहायता मिलेगी। इससे कार्यों को करने के दौरान पार्दर्शिता आएगी। तेजेंदर ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा मंडी नगर निगम के विरोध में आने की सभी बातें अफवाह और भाजपा को बदनाम करने की साजिश है।

नगर निगम मंडी के खिलाफ संघर्षरत ग्रामीण संघर्ष समिति के प्रवक्ता राजेंद्र मोहन ने कहा कि मंडी को नगर निगम बनाने की कवायद शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोग नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते हैं और इससे ग्रामीण व और पंचायत स्तर पर चली योजनाओं से ग्रामीणों का रोजगार छिन जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से नगर निगम बनाने का विरोध करने के बावजूद सरकार ने नगर निगम बनाने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय का विरोध लगातार जारी रहेगा और इसके खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।

मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिल शर्मा ने मंडी को नगर निगम का दर्जा देने का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले लंबे समय से मंडी को नगर निगम बनाने की चली आ रही मांग को सरकार ने पूरा किया है, लेकिन नगर निगम में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीणों को नगर निगम के फायदे के बारे में समझाया जाता और इसके बाद नगर निगम बनाने का निर्णय लिया जाता।

उन्होंने कहा कि नगर निगम के क्षेत्रों में तीन वर्ष टैक्स नहीं लेने के निर्णय के बाद उसके बाद शहरी क्षेत्र के आधार पर टैक्स देना होगा। अनिल शर्मा ने कहा कि नगर परिषद मंडी के हालत पहले ही बहुत खराब है और नगर निगम बनने से हालत का पता भविष्य में चलेगा। उन्होंने कहा कि मंडी में विकास पंडित सुखराम के द्वारा करवाया गया है।