नगर निगम के विरोध में ग्रामीण होने लगे लामबंद

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। साेलन

सोलन को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद नगर निगम ग्रामीण संघर्ष समीति सरकार व प्रशासन के खिलाफ सुर्ख हो गई है। ग्रामीण पहले से इस बात के लिए संघर्ष कर रहे थे कि उनकी पंचायतों को नगर निगम में ना जोड़ा जाए, लेकिन आठ पंचायतों के कुछ क्षेत्रों को नगर निगम में जोडे़ जाने की बात कही जा रही है, जिसके चलते ग्रामीणों में भारी रोष है। नगर निगम ग्रामीण संघर्ष समीति ने आज सोलन मे एक बैठक की व सर्वसहमति से निर्णय लिया गया है कि सरकार व प्रशासन की ऐसी तानाशाही कतई बर्दाशत नहीं की जाएगी व ग्रामीण सोमवार 2 नवंबर को सोलन शहर मे धरना प्रर्दशन करेंगे।

वहीं, कई ग्रामीण आमरण अनशन पर जाने की तैयारी भी कर रहे हैं, ताकि सरकार प्रशासन सहित सोलन के छुटभयै नेताओं को चेताया जा सके की आप अपनी राजनीति मुठी भर लोगों में चमका सकते हो, लेकिन आठ पंचायतों सहित साथ लगती पंचायतों के लोग आपके विरोध है, जिसका खामियाजा आपको आगामी चुनावों में भुगतना पडे़गा। बात करते हुए ग्रामीण संघर्ष समीति के अध्यक्ष नेत्र सिंह ने बताया कि वह सोलन मे ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम मे जोड़ने सरकार प्रशासन सहित स्थानीय नेताओं के खिलाफ धरना-प्रर्दशन करेंगे।

उन्हाेंने कहा कि अभी तक आपकी नगर परिषद तो कार्य करने के काबिल नहीं थी, तो नगर निगम में उनके गांवों का खाक विकास होगा। उन्हांेने भाजपा के स्थानीय नेेताओं के खिलाफ रोष जताते हुए कहा कि उन्हें जनता स्वीकार नहीं करती। वहीं, जागरूक युवाओं ने बताया कि ऐसी तानाशाही बर्दाशत नहीं की जाएगी, जब सरकार को पंचायतों से अनापत्तियां गई था, तो वह क्याें ग्रामीणों के हकों को मारने पर तुले हैं। उन्होंने कि आंदोलन की चिंगारी सुलगेगी, जिसके लिए स्वयं सत्ताधारी सरकार प्रशासन व स्थानीय नेता जिम्मेदार होंगे।