लाल आतंक : रॉकेट लांचर से हमला, पहाड़ से फायरिंग

हिडमा की बटालियन ने तीन तरफ से घेराबंदी कर जवानों को बनाया निशाना

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में 24 जवान शहीद हो गए हैं। कुख्यात नक्सली हिडमा को पकडऩे के लिए जवान उसके मांद में घुसे थे। 2000 जवानों की टीम अलग-अलग इलाकों हिडमा की टीम को पकडऩे के लिए जंगल के अंदर घुस रही थी। नक्सलियों ने शुरुआत में जवानों को किसी भी प्रकार से डिस्ट्रब नहीं किया। उन्हें घने जंगलों में अंदर तक घुसने दिया। सुरक्षा बलों की टीम कई हिस्सों में बंटी हुई थी। एक टीम को हिडमा की बटालियन ने अपनी एंबुश में फंसा लिया है।

मुठभेड़ स्थल पर अभी भी जारी है सर्च ऑपरेशन

उसके बाद जवानों की घेराबंदी कर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिडमा की बटालियन ने जवानों को तीन तरफ से घेर लिया था। जवान घने जंगल में फंसे थे और हिडमा की बटालियन पहाड़ के ऊपर से फायरिंग कर रही थी। चारों तरफ से घिरे जवानों के पास कोई चारा नहीं बचा था। उसके बाद भी जवानों ने हिडमा की बटालियन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस हादसे में नक्सलियों को भी बहुत नुकसान हुआ है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नक्सली मौके से चार ट्रैक्टर में भरकर अपने साथियों के शव ले गए हैं। कुछ दिन पहले ही हिडमा ने पुलिस को चुनौती थी।

हिडमा की बटालियन में आठ सौ नक्सली

बताया जाता है कि हिडमा की सुरक्षा में नक्सलियों की सबसे घातक टीम रहती है। यह टीम अत्याधुनिक हथियारों से लैस है। मुठभेड़ स्थल पर मौजूद एक जवान ने बताया कि इस टीम में करीब आठ सौ की संख्या में नक्सली थे। उन्होंने जवानों के ऊपर हमला किया है। हिडमा खुद कभी छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शरण लेते रहती है। घटना वाली जगह भी तेलंगाना की सीमा से लगती है।