उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। बिलासपुर
मामला हिमाचल के बिलासपुर जिला का है। बस्सी पंचायत के घट्टेवाल का युवक अश्वनी मार्च माह में सेना भर्ती देने ऊना गया हुआ था। जिस समय पर यह भर्ती हुई उस समय कोरोना टेस्ट करवाना जरूरी था। इसी कड़ी में युवक ने ऊना के सरकारी अस्पताल में कोरोना टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की कोरोना काल में स्वास्थय विभाग की कई लापरवाही सामने आई हैं। कोरोना की गलत रिपोर्ट, बिना टैस्ट किए पॉजिटिव रिपोर्ट, मरीजों के सैंपल गुम होना, ऐसी कई लापरवाही देखने को मिली है, लेकिन इस बार जो लापरवाही सामने आई है वह वाकई में दंग कर देने वाली है।
अश्वनी ने बताया की टैस्ट करवाने के कुछ घंटे बाद ही उसकी तबियत ख़राब होने लगी। युवक ने नाक व सर में हल्का दर्द शुरू होने लगा। चूंकि दर्द इतना ज्यादा नहीं था, लिहाजा उसने निजी क्लिनिक से दवाई लेना शुरू कर दी। सिलसिला ऐसे ही चलता रहा। पांच महीने बीत गए। युवक को दर्द अधिक सताने लगा। अश्वनी ने नाक से खून बहने लगा और लगातार छींके आने लगी। इसी बीच युवक को एक जोरदार छींक आई और उसके नाक से कोई रुई जैसा पदार्थ बाहर निकलने लगा।
युवक ने इससे खींचकर बाहर निकाला, तो उसके होश उड़ गए। युवक ने बताया कि उसके नाक से कोरोना टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली स्ट्रिप निकली, जो कोरोना टेस्ट के दौरान डॉक्टरों ने उसके नाक में छोड़ दी थी। हालांकि यह आरोप सिर्फ युवक द्वारा लगाए गए हैं। आधिकारिक तौर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। मामले की पूरी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। युवक ने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत कर दी है।