वैक्सीन की किल्लत ऐसे होगी दूर: नितिन गडकरी का सुझाव, एक की बजाय 10 कंपनियों को दिया जाए बनाने का लाइसेंस

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

देश को कोरोना संकट से बचाने के लिए इस वक्त ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण को सबसे बेहतर उपाय बताया जा रहा है। हालांकि देश के कई राज्य वैक्सीन की भारी कमी झेल रहे हैं जिसके चलते केंद्र को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रह है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि देश की अन्य कंपनियों को भी वैक्सीन बनाने का लाइसेंस दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वैक्सीन की डिमांग बढ़ रही है तो वैक्सीन बनाने का लाइसेंस एक कंपनी की बजाय 10 और कपंनियों को भी दिया जाना चाहिए। पहले इन कंपनियों को भारत में ही सप्लाई करने दें और बाद में अगर ये ज्यादा होती है तो हम इसे एक्सपोर्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हर राज्य में दो-तीन लैब हैं. उन्हें वैक्सीन का निर्माण सेवा के रूप में नहीं, बल्कि 10 प्रतिशत रॉयल्टी के साथ करने दें। यह 15-20 दिनों में किया जा सकता है।

सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को प्रस्ताव देंगे कि शवों के दाह संस्कार की बेहतर व्यवस्था की जाए.उन्होंने कहा कि अगर चंदन के बजाय डीजल, इथेनॉल और बायोगैस और बिजली जैसे ईंधन का उपयोग किया जाए तो दाह संस्कार की लागत कम हो सकती है।उन्होंने कहा, जब लकड़ी का उपयोग करके एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है, तो इसकी कीमत 3,000 रुपये होती है. अगर डीजल का इस्तेमाल किया जाता है तो इसकी कीमत 1,600 रुपये, एलपीजी में 1,200 रुपये, इलेक्ट्रिक में 750-800 रुपये और बायोमास पैलेट जलाने से 1,000 रुपये आती है।

उनका ये सुझाव ऐसे समय में आया है जब हाल ही में बिहार और उत्तर प्रदेश में दाह संस्कार के लिए ज्यादा कीमत लिए जाने की शिकायतें सामने आई थी। इस दौरान कई संदिग्ध कोरोना मरीजों के शव भी नदियों में बहते हुए पाए गए थे।