आखिर कब मिलेगा रोजगार : शारीरिक शिक्षक व कला अध्यापकों की चार साल में एक भी नियुक्ति नहीं

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

चार साल से शारीरिक शिक्षक व कला अध्यापक की एक भी नियुक्ति न होने पर बेरोजगारों ने रोष जताया है। बेरोजगार शारीरिक अध्यापक व कला अध्यापक प्रदेशाध्यक्ष संदीप घई व मुकेश भारद्वाज का कहना है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी पद को नहीं भरा है । उन्होंने कहा कि सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की हम उसका स्वागत करते है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलकूद कला का जायदा महत्व दिया गया है।

बिना ड्राइंग के इंजीनियर बनाए जा रहे हैं बच्चों का मनोविज्ञान स्वस्थ होना अनिवार्य है यह तभी संभव है जब शारीरिक अध्यापक होगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में कला के 1717 तथा शारीरिक अध्यापकों के 1881 पद खाली चल रहे हैं। सभी बेरोजगार कला अध्यापक और शारीरिक अध्यापकों ने निराश होकर शिमला में सडक़ों में उतरकर सरकार के खिलाफ एक जन आक्रोश रैली भी की लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका । शारीरिक अध्यापक के अध्यक्ष संदीप घई का कहना है कि शिक्षा का अधिकार 2009 में लिखा गया है कि 100 बच्चे होंगे वहां अध्यापक होना अनिवार्य है लेकिन हिमाचल की भौगोलिक स्थिति अच्छी नहीं है 100 बच्चे होना संभव नहीं है अधिकतर गांव की जनसंख्या 50 या 60 है तो 100 बच्चे कहां से होंगे। उन्होंने कही कि उनकी मांग नहीं मांगी गई तो वे सरकार को अपने डिप्लोमें सौंप देंगे।