बाइक की पिछली सीट पर बैठने के नियम बदल गए

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
रोड एक्सीडेंट्स में कमी लाने के लिए सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। दरअसल सडक़ दुर्घटनाओं के ज्यादातर मामलों में बाइक सवार लोगों को सबसे ज्यादा चोट आती है, ऐसे में सरकार ने वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इनके डिजाइन में कुछ जरूरी बदलाव करने का फैसला लिया है जिससे इन्हें सुरक्षित बनाया जा सके। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बाइक की पिछली सीट पर बैठकर सवारी करने वाले लोगों के लिए भी नये नियम लागू किए हैं जिससे उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा। आज हम आपको उन्हीं नियमों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। पिछली सीट ओर ग्रैब रेल्स नये नियमों के अनुसार अब बाइक की पिछली सीट के दोनों तरफ ग्रैब रेल्स (हैंड होल्ड) लगाना अनिवार्य होगा जिससे बाइक राइडर के पीछे बैठने वाले शख्स को सीट पर अपनी पोजीशन बनाए रखने के लिए अच्छी ग्रिप मिल सके और किसी झटके या अचानक ब्रेक मारने की स्थिति में उनका संतुलन ना बिगड़े। अभी तक बाइक्स में इस सुविधा नहीं दी जाती थी।

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि बाइक के दोनों तरफ पायदान लगाना जरूरी हो जाएगा जिससे पिछली सीट पर बैठे हुए शख्स का पैर पूरी तरह से सुरक्षित रहे साथ ही साथ पिछली सीट पर बाईं तरफ का हिस्सा अच्छे से कवर होना चाहिए जिससे पीछे बैठने वाले शख्स के कपड़े टायर या चेन कवर में न फंस जाएं। अभी तक आपने देखा होगा कि लोग अपनी बाइक्स में ज्यादा से ज्यादा सामान रखने के लिए भारी-भरकम कंटेनर लगा लेते हैं, जिसकी वजह से ट्रैफिक में तो दिक्क्त होती ही है साथ साथ पिछली सीट पर बैठने वाले शख्स को भी दिक्कत होती है और कई बार ज्यादा भारी होने की वजह से ये कंटेनर बाइक डिस्बैलेंस होने की वजह भी बनता है। ऐसे में सरकार ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने के निर्देश दिए हैं। इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं हो सकती है। आपको बता दें कि ये कंटेनर अगर बाइक की पिछली सीट के भी पीछे की तरफ लगा है तब तो पिछली सीट में सवारी बैठ सकती है, और अगर पिछली सीट के साइड में इसे लगाया जाएगा तब इसमें सवारी बैठाने की इजाजत नहीं मिलेगी। आजकल मार्केट में जितनी भी प्रीमियम कारें आ रही हैं उनमें टायर प्रेशर मॉनीटरिंग सिस्टम जरूर मिलता है। ऐसे में अब सरकार ने टायर्स को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं जिनके अनुसार अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव पेश किया गया है।

ये सिस्टम आपके वाहन के टायर प्रेशर पर नजर रखता है और अगर प्रेशर कम होता है तो इसकी जानकारी कार में बैठे ड्राइवर को देता है। ये सिस्टम पंक्चर या टायर बस्र्ट की वजह से होने वाले एक्सीडेंट्स को रोकता है। दरअसल ये सिस्टम सेंसर की मदद से टायर्स पर नजर रखता है। आपको बता दें कि सरकार ने टायर पंक्चर रिपेयर किट के बारे में भी सुझाव रखा है।