फिर छलका विधायक अनिल शर्मा का दर्द

उज्जवल हिमाचल। तपाेवन

भाजपा के विधायक अनिल शर्मा ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है और मंडी सदर विधानसभा के साथ भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए हैं। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन अनिल शर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में अब तक मंडी सदर में कितने कार्य हुए हैं और कितना पैसा खर्च किया गया है, उसको लेकर जानकारी मांगी गई, लेकिन शिक्षा मंत्री द्वारा इसको लेकर कोई संतुष्ट जवाब न देने पर अनिल शर्मा मुखर हो गए और अपनी ही सरकार पर उनके साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए अनिल शर्मा ने कहा कि वह बीजेपी के वे विधायक हैं और अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास के कार्यों को लेकर मुद्दों को उठाना उनका फर्ज बनता है।

  • सदन में मंडी विधानसभा के साथ लगाए भेदभाव के आरोप
  • सीएम को सोच का दायरा बढ़ाने की दी सलाह
  • अगला चुनाव कांग्रेस से लड़ने के दिए संकेत

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आज उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में 3 वर्ष में शिक्षा के क्षेत्र में कितना पैसा खर्च किया गया, इसको लेकर प्रश्न किया गया था और जानकारी मांगी गई थी, लेकिन इस सवाल का जवाब ही बदल दिया गया और मंत्री पहले कहने लगे कि चार स्कूलों का कार्य पूरा हो गया है और अन्य स्कूलों का काम भी चल रहा है, इसको लेकर जब पूछा गया कि यदि यह चार स्कूलों का काम पूरा हो गया, तो इनका उद्घाटन क्यों नहीं किया जाता, तो मंत्री कहने लगे कि कुछ भवनों का काम 70 फीसदी और 80 फीसदी कार्य पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने मंत्री पद से त्यागपत्र दिया है, तब से उनके क्षेत्र के साथ अनदेखी की जा रही है और शिलान्यास पट्टिका में नाम तक नहीं लिखा जाता है, जबकि वे बीजेपी के ही विधायक हैं। महेंद्र सिंह द्वारा सदन में जल शक्ति विभाग में करोड़ों के कार्य सभी विधानसभा क्षेत्र में करने की बातें कर रहे हैं, लेकिन मंडी सदर में कितना कार्य किया इसके बारे में क्यों नहीं बताते।

उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि उनका विधानसभा क्षेत्र विकास से पिछड़ रहा है और  सरकार द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र के साथ किए जा रहे भेदभाव को वे जनता के बीच में लेकर जाएंगे और अब जनता ही तय करेगी कि आगे उन्हें क्या करना है। मुख्यमंत्री सहित उनके मंत्रियों द्वारा लगातार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मंच पर उन्हें बेइज्जत कर चुके हैं। लोकसभा उपचुनाव में भी मुख्यमंत्री ने बीजेपी के लिए वोट मांगने की बात कही थी, लेकिन पिछले 3 वर्षाें से लगातार उनके साथ अनदेखी की जा रही है, उनके क्षेत्र में कार्य नहीं हो रहे हैं। ऐसे में वहां पर किन मुद्दों को लेकर वोट मांगने जाते।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कुछ एडवाइजर हैं, जो उन्हें गलत सलाह देते हैं। उपचुनाव में उन्हें एडवाइजरों ने मुख्यमंत्री को गुमराह किया और उन्हें यह बताया गया कि 2 से 3 लाख से जीत रहे हैं, तो अनिल शर्मा की क्या जरूरत है और परिणाम सब के सामने है कि बीजेपी को ये सीट हारनी पड़ी। वहीं, अनिल शर्मा ने कहा कि अब एक वर्ष बचा है। ऐसे में मुख्यमंत्री मंडी सदर के लिए कुछ बड़ा करते हैं, तो वे जनता के बीच जा कर बता सकते हैं। वहीं, अगला चुनाव कांग्रेस से लड़ने के सवाल पर अनिल शर्मा ने कहा कि ये मंडी की जनता तह करेगी कि उन्हें आगे क्या करना है। राजनीति में सब रास्ते खुले रहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपनी सोच का दायरा बदलने की नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को सभी क्षेत्र का एक सामना विकास करना चाहिए, तभी जनता भी सोच सकती है।