इस देश पर मंडरा रहा ब्लैक लिस्‍ट होने का खतरा

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

फाइनेंशियल ऐक्‍शन टाक्‍स फोर्स (एफएटीएफ) की तीन दिवसीय वर्चुअल बैठक आज से शुरू हो रही है। यह बैठक पाकिस्‍तान के लिए काफी अहम है। 21 से 23 अक्तूबर तक चलने वाली इस बैठक में एफएटीएफ पाकिस्‍तान के ग्रे लिस्‍ट में बने रहने पर समीक्षा करेगा। पाकिस्‍तान एफएटीएफ की ओर से दी गई छह जिम्‍मेदारियों को पूरा करने में असफल रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्‍तान का ग्रे लिस्‍ट में बना रहना तय है। इतना ही नहीं आतंकवादियों का पनाहगार पाकिस्‍तान पर ब्लैक लिस्‍ट होने का खतरा भी मंडरा रहा है।

गौरतलब है कि एफटीएफ ने पाकिस्‍तान को 27 ऐक्‍शन प्‍लान दिए थे। पाक‍िस्‍तान ने अभी तक केवल 21 को ही पूरा किया है। चार ऐक्‍शन प्‍लान में पाक‍िस्‍तान ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इतना ही नहीं सूची से आतंकवादियों के नाम गायब होने पर एफटीएफ ने पाकिस्‍तान से कड़ी आपत्ति भी दर्ज की थी। बता दें कि इस लिस्‍ट में वर्ष 2018 में कुल 7600 नाम थे, लेकिन पिछले 18 महीने में इसकी संख्‍या को घटाकर 3800 कर दिया गया।

यही नहीं इस साल मार्च महीने की शुरुआत से लेकर अब तक 1800 नामों को लिस्‍ट से हटाया जा चुका है। एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को जून तक का वक्‍त दिया था। अगर पाकिस्‍तान 27 बिंदुओं को पूरा करने में असफल रहता है तो एफएटीएफ उसे काली सूची में डाल सकता है।