अधिसूचना जारी न होने से पहले ही उम्मीदवारों ने जताई दावेदारी

चमेल सिंह। देसाईक /शिलाई

प्रदेश में आगामी पंचायतीराज चुनाव में लगभग 3 माह का समय बाकी है चुनाव को लेकर सरकार की अधिसूचना जारी नहीं हुई है लेकिन उपमंडल शिलाई की 29 पंचायतों में उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी दावेदारी आगामी प्रधान पद के लिये जता दी है।

विकास खण्ड की पन्द्रह एसी पंचायते है जिनमें आगामी पंचायत प्रधान पद उमीदवारों ने अपनी पंचायत में लाखों रुपये के बकरे व भोज खिलाकर लोगों से सम्पर्क बनाकर अपने पक्ष में कर रहे है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में पंचायतीराज चुनाव के इलेक्शन जीतने के लिये साम,दाम, दंड, भेद सहित लोटा लूण का इस्तेमाल किया जाता है।

बुद्धिजीवियों में ध्यान सिंह, जालम सिंह, दौलत राम, केदार सिंह, अजय सिंह, सन्त राम, कल्याण चौहान, प्रताप सिंह, कश्मीर सिंह बताते है कि क्षेत्र में धीरे धीरे कुरीति पावं पसार रही है पिछले इलेक्शन में द्राबिल, मिल्ला, बाली कोटी, लोजा -मानल, रास्त एसी पंचायते रही, जिनमें चुनाव के खर्चे 20 लाख से लेकर 1करोड तक आए है। इनकी तर्ज पर अब बाकी पंचायतों में भी इलेशन में बकरे देने व पैसा लगाने की होड़ अन्य पंचायतों में अग्रसर है, जितने के बाद प्रधान इलेक्शन में खर्च हुए पैसों को एकत्रित करने के लिये मनरेगा मस्ट्रोल के अंदर फंसे रहते है जिनके साथ पुरा कुनुवा समलिप्त रहता है इसलिये विकास की जगह पंचायत में विनाश हो रहा है। क्षेत्र की वर्तमान हालात को देखते हुए धनाड़य परिवारों द्वारा इलेक्शन को महंगा बनाया जा रहा है ताकी आम आदमी अपनी दावेदारी न रख सकें और जब इलेक्शन जीत गए फ़िर पंचायत को धन कमाने का जरिया बनाया जाता है। एसी कुरीति को देखकर दिल बहुत आहत हो रहा है।