मंत्री के विवादित बयान पर बोले परमार यह पठानिया का व्यक्तिगत बयान

कहा, हमने इस व्यान के प्रति नराजगी उसी वक्त मंच पर व्यक्त करवा दी थी

दिनेश चाैधरी। फतेहपुर

उपचुनाव की दहलीज पर खड़े फतेहपुर में वन मंत्री राकेश पठानिया ने ऐसा पंगा ले लिया है, जो बीजेपी के ही गले से नीचे नहीं उतर रहा। पठानिया के अपनी ही पार्टी के पूर्व में सांसद रहे दिवंगत राम स्वरूप शर्मा को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस तो आग बबूला है ही, बीजेपी भी इसे औचित्यहीन करार दे रही है। फतेहपुर में सबसे बड़ी परेशानी तो पठानिया ने पूर्व सांसद व बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार के लिए खड़ी कर रखी है, जो कि यहां से टिकट के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं। पठानिया ने जिस वक्त फतेहपुर के गोलवां मे खुले मंच ये बयान दिया था, उस वक्त कृपाल परमार वही पर मौजूद थे।

पठानिया तो कहकर निकल गए, लेकिन कृपाल के रास्ते में कांटे डाल गए। जब मामले पर उबाल आने लगा, तो कृपाल परमार ने भी मौका देखकर पठानिया के बयान से पल्ला झटकने का काम कर लिया है। परमार ने बाकायदा कैमरे पर पठानिया के पूर्व सांसद राम स्वरूप शर्मा को लेकर दिए गए बयान को उनका व्यक्तिगत बयान करार दिया है। उन्होंने कहा कि उस वक्त मौके पर मौजूद था और मैंने अपनी नाराजगी उसी वक्त मंच पर व्यक्त करवा दी थी। परमार का कहना कि मुझे नहीं लगता की किसी को ऐसे बयान देने चाहिए। हमारी सरकार बहुत बढ़िया काम कर रही है, सीएम जयराम ठाकुर प्रदेश की सेवा में लगे हुए हैं और ऐसे माहौल में ऐसा बयान आना अनुचित भी हैं और गलत भी है।

यही नहीं फतेहपुर के पट्टा जाटियां स्कूल के प्रांगण मे हुए वन मंत्री राकेश पठानिया के कार्यक्रम में कार्यक्रम के आयोजक पूर्व प्रधान ने मंच से ही पिछले लंबे समय से पंचायत मे विकास न होने का अरोप खुले मंच से लगाए थे। प्रधान ने खुले मंच से कहा था कि उनकी पंचायत मे विकास की गति रूकी हुई है। प्रदेश मे बीजेपी की सरकार होने के बावजूद उनकी पंचायत में विकास नहीं हो पाया। पूर्व प्रधान के विकास न कराने के अरोपों को खारिज करते हुए परमार ने कहा कि जो पूर्व प्रधान स्क्रिप्ट मंच से पड़ रहे थे, वो उस स्क्रिप्ट के लेखक कोई ओर थे, जो कि खुले मंच से पूर्व प्रधान ने भी स्वीकार किया था कि उन्हें लिख कर पढ़ने के लिए दिया गया है।

परमार ने इसके साथ-साथ उसी दौरान मंच पर चुने हुए चेयरपर्सन व भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा आदि को सम्मान ना मिलने व कार्यक्रमों मे जो अव्यवस्था थी उन सभी मुद्दों को पार्टी स्तर पर उठाने की बात कही है। वहीं, नूरपुर को जिला बनाने के सवाल पर परमार ने कहा कि नूरपुर को जिला बनाने की मांग राकेश पठानिया की है और इस का जवाब देना भी उनका ही बनता है।