पार्टटाइम कर्मचारियों का बीबीएमबी द्वारा किया जा रहा शोषण

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

कोविड-19 के दौर में काम के बावजूद केंद्र सरकार के उपक्रम बीबीएमबी में पार्टटाईम कर्मियों की मेहनत की कमाई नहीं मिल रही है। इससे 268 पार्टटाइम कर्मचारियों का शोषण बीबीएमबी द्वारा किया जा रहा है और उन्हें रोटी के लाले पड़ गए है। कुछ लोग जैसे-तैसे उधार ले राशन का जुगाड़ कर रहे हैं, लेकिन बीबीएमबी सैलरी देने से इंकार कर रहा है, जिस पर दुखी पार्ट टाईमर ने बीबीएमबी चीफ कार्यलय के समीप लेखा अधिकारी कार्यलय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।

कर्मचारियों ने बीबीएमबी प्रबंधन पर आरोप लगाए हैं कि कोरोना महामारी के इस काल में उनसे काम तो ले लिया गया, लेकिन सैलरी के नाम पर उनके नसीब में एक फूटी कौड़ी भी नहीं आई है। इस समय बीबीएमबी के सलापड, पंडोह व सुंंदरनगर कार्यक्षेत्र के तहत लगभग 268 पार्ट टाईमर काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ तो डेढ़ दशक से ज्यादा समय से इस आस में है कि वह कभी ना कभी रेगुलर होंगे। बीबीएमबी में पार्ट टाईम, कांट्रेक्ट व अन्य कर्मियों का उच्च अधिकारियों द्वारा जम कर शोषण किया जा रहा है। खास कर महिलाओं से दफ्तरों, फील्ड में काम करवाने के साथ अधिकारियों के घरों में काम करवाया जाता है।

बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा पिछले दो महीनों से इन कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है, लेकिन इन्हें किसी प्रकार की सैलरी नहीं दी गई है। इसको चीफ इंजीनियर से भी बात की गई थी और लेटर जारी कर डिप्टी सीओ से सेलरी रिलीज करने पर समझौता हुआ था, लेकिन डिप्टी सीओ ने कर्मचारियों की सैलरी रिलीज करने के मना कर दी। बोर्ड व चीफ इंजीनियर से दोबारा बात करने के बाद कल तक इन कर्मचारियों को सेलरी देने का आश्वासन दिया गया है।

डिप्टी चीफ इंजीनियर बीबीएमबी सुंदरनगर विमल कुमार मीणा ने कहा कि बीबीएमबी में रिक्त चल रहे पदों पर पिछले काफी समय से पार्टटाइम कर्मियों को रखा जा रहा है। बीबीएमबी मुख्यालय से इस संदर्भ में कुछ आक्षेप बताए गए थे। इसके संबंध में बोर्ड कार्यालय को इन पदों के प्रस्ताव भेजे गए हैं। बोर्ड कार्यालय द्वारा इनमें आपत्ति जताई गई है, जिनका निवारण किया जा रहा है। बोर्ड व उच्च अधिकारियों के द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।