धनेटा हस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर लोग खपा

उज्जवल हिमाचल। नदौन
धनेटा हस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर लोगों में काफी रोष है। वहीं लंबे अरसे से लोग इस अस्पताल का दर्जा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्तमान समय में यहां तैनात दंत चिकित्सक पढ़ाई के लिए 2 साल की छुट्टी पर चले गए हैं जिसके चलते यहां लोग इस सुविधा से 2 साल के लिए वंचित हो गए हैं। लोगों का कहना है कि वर्तमान समय में यहां एक चिकित्सकए एक फार्मासिस्ट और एक स्टाफ नर्स सहित एक लैब टेक्नीशियन है। इनमें से भी कई कर्मियों की ड्यूटी सप्ताह में नादौन व गलोड अस्पताल में दो.दो दिन प्रतिनियुक्ति पर की जाती है, जिसके चलते यहां कर्मियों की अक्सर कमी रहती है।

लोगों को दांत का एक्सरे करवाना हो तो नादौन या हमीरपुर हस्पताल जाना पड़ता है। वहीं यहां तैनात एकमात्र चिकित्सक को भी ड्यूटी के लिए अन्य अस्पतालों में जब भेज दिया जाता है तो यहां की हालत और भी खराब हो जाती है। उन्होंने बताया कि यहां रोजाना करीब 100 मरीजों की ओपीडी होती है जिसके आधार पर अस्पताल का दर्जा बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने अस्पताल के उद्घाटन के दौरान यहां 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की बात कही थी। इसके बाद कुछ समय तक तो सब ठीक चलता रहा परंतु बाद में यह अस्पताल सुविधा बहीन होता गया। यहां से आंखों के तकनीकी सहायक को पद सहित गलोड़ हस्पताल के लिए बदल दिया गया।

लोगों ने बताया कि इस वर्ष अस्पताल के पुराने भवन को बने हुए 100 वर्ष पूरे हो गए हैं लेकिन आज भी यह स्थानीय लोगों के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा है। लोगों ने मांग की है कि अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर क्षेत्र के लोगों को राहत प्रदान की जाए। इस संबंध में अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ विशाल ने बताया कि अस्पताल का दर्जा बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से रिकॉर्ड मांगा गया है जोकि प्रशासन द्वारा भेज दिया गया है। वहीं एचआरटीसी उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने बताया कि दर्जा बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।वहीं इससे संबंधित विभागीय औपचारिकताओं की सर्वे रिपोर्ट अधिकारियों द्वारा शिमला भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान धनेटा अस्पताल का दर्जा बढ़ाने की घोषणा हो सकती है।