भाजपा की कथनी और करनी से जनता भली-भांति परिचितः अजय महाजन

विनय महाजन। नूरपुर

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का नूरपुर दौरा एक बार फिर क्षेत्र के हजारों फोरलेन प्रभावितों की भावनाओं को आहत करने वाला ही सिद्ध हुआ। क्षेत्र के हजारों लोग योजना के कारण उजड़ रहे हैं लोगों को आशा थी कि मुख्यमंत्री उनकी पीड़ा को समझेंगे लेकिन सरकार ने एक बार फिर उनकी भावनाओं को दरकिनार कर सम्वेदनहीन होने का परिचय दिया है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने कहा कि क्षेत्र का य़ह ज्वलंत मुद्दा था, बेहतर होता कि मुख्यमंत्री और स्थानीय ज़न प्रतिनिधि उजड़ रहे लोगों के दर्द को समझने का प्रयास करते लेकिन जनहित के इस ज्वलंत मुद्दे पर न ही वन मंत्री राकेश पठानिया ने कभी मुहँ खोला और न ही उनके हितों की पैरवी की। लोगों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनके साथ हुए अन्याय के चलते प्रभावितों के दर्द को समझने का प्रयास करेंगे लेकिन इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि इस मसले पर मुख्यमंत्री द्वारा भी एक बात तक नहीं बोली गई।

महाजन ने बरंडा में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा को चुनावी जुमला बताते हुए कहा कि चुनावी बेला पर ऐसी कोरी घोषणाओं से जनता भ्रमित होने वाली नहीं है। महाजन ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में नूरपुर के कॉलेज के नए भवन, मातृ शिशु अस्पताल, रिट और बरंडा पंचायतों में आधा दर्जन सिंचाई नलकूप और पेयजल योजनायें स्वीकृत की गई थी जिससे जनता को लाभ मिलना था लेकिन वन मंत्री अपने कार्यकाल में उन्हें भी लोगों को समर्पित करवाने में नाकाम रहे।

महाजन ने आरोप लगाया कि चार साल पहले ज़सूर में आधुनिक बस स्टैंड और 200 दुकानों का शापिंग काम्प्लेक्स बनाकर युवाओं को रोजगार देने के नाम पर बस अड्डे का शिलान्यास किया था लेकिन धरातल पर अब तक एक ईंट नहीं लग पाई। महाजन ने कहा कि लोकसभा चुनावों से पहले वन मंत्री ने नूरपुर में कहा था कि वो 5500 पक्के मकान लेकर आए हैं लेकिन पक्के मकानों की आस में आये दिन गरीब लोगों के कच्चे मकान बरसात के कारण गिर रहे हैं।

मकानों के नाम पर भी लोगों से बहुत बड़ा झूठ बोला गया है। महाजन ने कहा कि भाजपा सरकार औऱ उसके प्रतिनिधियों की करनी और कथनी से जनता भली भांति परिचित हो चुकी है और इन जुमलों का जबाव जनता चुनाव में देने को तैयार है। महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी जनसभाओं में मोदी सरकार की नीतियों को लेकर लोगां में जागरुक अभियान चलाऐ हुऐ है लेकिन नूरपुर में फोरलेन पीड़ितां के बारे में मोदी सरकार की नीतियां को बचाने में आनाकानी क्यां कर रहे हैं।

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