प्रदेश भर में 14 हजार हेक्टेयर में रोपित होंगे पौधे : विपिन सिंह परमार

आदित्य सूद। पालमपुर

विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार ने कहा कि जलवायु संतुलन में वनों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। सरकार प्रदेश ने वर्ष 2030 तक प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्र के मौजूदा वन आवरण क्षेत्र 27.72 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य निर्धारित किया गया है। परमार आज बुधवार को सुलह विधानसभा क्षेत्र के ननाओं में स्वर्णिम वाटिका में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्यत्व के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार लोगों में स्वस्थ जीवनशैली प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से 68 स्वर्णिम वाटिकाएं विकसित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में 14 हज़ार हैक्टेयर भूमि में विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

  • वन आवरण क्षेत्र 30 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य

परमार ने कहा कि जिला कांगड़ा में पौधरोपण के दौरान देवदार, औषधीय और चौड़ी पत्ती वाले पौधे रोपित किये जायेंगे। पालमपुर वन मण्डल में 400 हैक्टेयर क्षेत्र में सवा दो लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रख गया है। उन्होंने कहा कि वन है तो कल है इसलिए वनों को संरक्षित रखने के लिए सभी नागरिकों की सामुहिक जिम्मेवारी बनती है। उन्होंने सभी लोगों से एक-एक पौधा अवश्य रोपित करने के उपरांत पौधे का संरक्षण करने की भी अपील की। उन्होंने लोगों को अपने जीवन के खुशियों के पलों को ओर यादगार बनाने के लिए ऐसे अवसरों पर पौधारोपण का भी आहवान किया।


विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि संगठन के आह्वान पर पूरे भारत मे 23 से 5 जुलाई तक वृक्षारोपण किया जा रहा है और इसी कड़ी में सुलाह हलके के सभी पोलिंग बूथ स्तर पर भी वृक्षारोपण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुलाह की 28 पंचायतों में भी पौधारोपण किया जा रहा है। उन्होंने ननाओं की इस स्वर्णिम वाटिका में उन्होंने भी आज एक औषधीय पौधा रोपित किया है और उनके गांव के लोगों इसमें 100 पौधे रोपित किये हैं। कार्यक्रम में ननाओं की प्रधान लवलीन परमार, उपप्रधान राम परमार, पंचायत के वार्ड सदस्य और प्रबुद्ध लोग, डीएफओ नितिन पाटिल सहित वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।