उज्जवल हिमाचल। डेस्क
बॉम्बे हाई कोर्ट को इन दिनों काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा रहा है। कोर्ट ने हाल ही में बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी नाबालिग के कपड़े उतारे बिना उसके वक्षस्थल को छूना यौन हमले की श्रेणी में नहीं आ सकता। इस तरह के कृत्य को पॉक्सो एक्ट के तहत यौन हमले के रूप में नहीं ठहराया जा सकता। इस फैसले के बाद कोर्ट की चौतरफा आलोचना हो रही है।
टीवी की मशहूर अभिनेत्री डोनल बिष्ट ने भी अब बॉम्बे हाई कोर्ट की आलोचना की है। साथ ही कहा कि कोर्ट के इस फैसले के बाद वह मुंबई शहर को महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं मान रही हैं। डोनल बिष्ट सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलती हैं। उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद अंग्रेजी वेबसाइट स्पॉटब्वॉय से बातचीत की।
डोनल बिष्ट ने कहा, ‘मैंने अपने सोशल मीडिया पर इस खबर को पढ़ा और मुझे यह विश्वास करने के लिए दो बार पढ़ना पड़ा कि क्या यह सच है! यह अविश्वसनीय है। इससे मुझे ऐसा लगता है कि मुंबई अब सुरक्षित नहीं है! यह कानून अपराधियों को प्रोत्साहित करने के अलावा कुछ नहीं करेगा। मुझे समझ नहीं आया कि यह कानून क्यों पारित किया गया है! क्या कानून दोषियों या पीड़ितों के लिए बनाया जा रहा है?’
अभिनेत्री ने आगे कहा, ‘यह कानून महिलाओं के खिलाफ अधिक अपराधों और दुष्कर्म को बढ़ावा देता है। यह सिर्फ डरावना है। एक तरफ, दुष्कर्म पीड़ित न्याय के लिए लड़ रहे हैं, और दूसरी तरफ ऐसे कानून पारित किए जा रहे हैं। यह एकदम दुखद स्थिति है।’ वहीं यौन हमले को लेकर कोर्ट के हाल के फैसले पर सामाजिक कार्यकर्ता और बच्चों के अधिकारों से जुड़े संगठन भड़क गए हैं। इन सभी ने फैसले को अप्रिय, अस्वीकार्य और अपमानजनक बताते हुए महाराष्ट्र सरकार से इसके खिलाफ अपील करने का आग्रह किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस फैसले की आलोचना की है। आयोग ने कहा कि इस फैसले का असर न केवल सुरक्षा बल्कि सुरक्षा से जुड़े हर तरह के प्रावधानों पर पड़ेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ की जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने 19 जनवरी को दिए अपने फैसले में कहा था कि किसी नाबालिग के कपड़े उतारे बिना उसके वक्षस्थल को छूना यौन हमला नहीं कहा जा सकता। इस तरह के कृत्य को बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत यौन हमले के रूप में नहीं ठहराया जा सकता। पीठ ने कहा कि यौन हमले के लिए यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क होना जरूरी है।