उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला
छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की मनमानी, लूट व प्रदेश सरकार के केवल टयूशन फीस लेने के आदेश की अवहेलना के खिलाफ़ आज निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन दिया। मंच ने 2019 की तर्ज़ पर केवल टयूशन फीस लेने के निर्णय को अक्षरशः लागू नही करने व टयूशन फीस तिमाही के बजाए हर महीने के आधार पर वसूलने के खिलाफ निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन दिया।
निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा के कार्यालय के बाहर निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में भी निजी स्कूल खुली लूट कर रहे हैं परन्तु सरकार, निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा खामोश हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने के आदेश जारी किए गए थे लेकिन स्कूलों ने सारी फीस को ट्यूशन फीस में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि फीस को हर महीने लेने की बात की गई थी लेकिन स्कूल अभिभावको से तिमाही की फीस वसूल रहे हैं। छात्र अभिभावक मंच द्वारा जिन सात निजी स्कूलों की लिखित शिकायत की गई थी, सरकार व शिक्षा विभाग ने उन पर भी सांकेतिक कार्रवाई करके अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है जोकि बेहद निंदनीय है। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय तो शुरू से ही पूरे मसले पर कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है व आज तक निजी स्कूलों पर इसने कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल वर्ष 2019 के बजाए वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह टयूशन फीस वसूल रहे हैं। मेहरा ने कहा कि अगर सरकार सही तरीके से आदेशों को लागू करके अभिभावको को राहत नही देती है तो छात्र अभिभावक मंच बड़े महापड़ाव की और आगे बढ़ेगी।