देश में आर्थिक इमरजेंसी जैसे हालात बना रही मोदी सरकार : राजेंद्र राणा

उज्जवल हिमाचल । हमीरपुर

सुजानपुर के विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकार कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए देश में स्वास्थ्य ढांचा सुदृढ़ करने में पूरी तरह विफल रही है , जिस कारण पूरे देश में हाहाकार मची है । उन्होंने कहा की दुनिया के तमाम देशों ने पिछले सवा साल के दौरान अपने मजबूत इच्छाशक्ति और राजनीतिक नेतृत्व की दूरदर्शिता की बदौलत कठिन हालातों पर काबू पाने के लिए दिन रात एक कर दिया लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने यह अवधि अपने राजनीतिक हित साधने और गैर कांग्रेसी सरकारों को अस्थिर करने में ही लगा दी। उन्होंने कहा मोदी सरकार की सत्ता लोलुपता का खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है रहा है।

उन्होंने कहा पूरे देश में जिस तरह कोरोना महामारी उग्र रूप ले रही है और सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का जनाजा निकल गया है, उससे पूरी दुनिया के सामने यह संदेश चला गया है कि भारत सरकार स्थितियों को निपटने में पूरी तरह अक्षम हो चुकी है। उन्होंने कहा देश के विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से त्राहि-त्राहि मची है और ऑक्सीजन के अभाव में रोगी तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार अपनी अक्षमता के लिए जनता से माफी मांगने की बजाय अभी भी भाषण बाजी व विपक्ष को कोसने में लगी है। उन्होंने कहा मोदी सरकार बताए कि पिछले सवा साल के दौरान उसने देश में कितने अस्पताल बनाए और ऑक्सीजन के कितने नए प्लांट लगाकर स्वास्थ्य संस्थानों को ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति से लैस किया। उन्होंने कहा अगर सरकार ने इस तरफ ध्यान दिया होता तो आज देश की जनता के सामने इस तरह के हालात पैदा नहीं होते। राणा ने कहा कि पहले मोदी सरकार ने नोटबंदी करके पूरे देश को लाइनों में खड़ा किया था जिसे कई लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ भी धोना पड़ा था। उन्होंने शक जाहिर किया है कि इसका भी दोष कही कांग्रेस पार्टी को न दे। उन्होंने कहा कि 70 साल में इतनी निकम्मी निठल्ली व निष्क्रिय सरकार कभी नहीं देखी।

राजेंद्र राणा ने कहा कि पूरे देश में ऐसे हालात बनते जा रहे हैं कि एक तरफ लोगों के सामने प्राण बचाने का संकट है तो दूसरी तरफ रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। निजी क्षेत्र में ही करोड़ों लोगों की छंटनी हो चुकी है और ये लोग बेरोजगार होकर घर बैठे हैं। आर्थिक स्थिति पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है और केंद्र सरकार ने ऐसे हालात बना दिए हैं कि देश आर्थिक इमरजेंसी की ओर जा रहा है। उन्होंने चेताया कि सरकार अपनी क्षमताओं को छुपाने के लिए अगर आर्थिक एमरजेंसी लगाती है तो देश में सिविल वार जैसे हालात बन जाएंगे। उन्होंने कहा जो सरकार अपने देशवासियों को इतिहास के सबसे बुरे दिनों में धकेल दे उस सरकार को सत्ता में एक पल भी बने रहने का अधिकार नहीं है और राष्ट्रपति को अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए ऐसी निकम्मी सरकार को देश हित में बर्खास्त कर देना चाहिए।