सुरेंद्र जम्वाल। बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के निर्माणाधीन अस्पताल एम्स के समीपवर्ती गांव के लोग राजपुरा पंचायत के लोग बरसात के मौसम में बेहाल है। जहां पर लोगों के घरों को खतरा हो चुका है, वहीं पर पानी की स्कीमें समाप्ति के कगार पर है। इस बरसात में भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा जबकि लोगों की बेशकीमती जमीन बर्बाद हो गई है और फसलें पूरी तरह से तबाह हो चुकी है।
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ग्रामीण लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार कम्पनी प्रबंधन, प्रशासन से पंचायत प्रतिनिधियों से इसके अलावा प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। जितना भी निर्माणाधीन एम्स के द्वारा पहाड़ों का कटान किया जा रहा है वह सारी मिट्टी इकट्ठे होकर इन गांव में बरसात के पानी से बहती चली जा रही है जिससे फसलें तो बर्बाद हो गई है साथ में लोगों के घरों को भी खतरा हो गया है। लोगों ने अपने घरों के समीप बोरियों में रेत भरकर उस मिट्टी को रोकने की कोशिश की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से यह कार्य चल रहा है बरसात के समय भयाभय स्थिति उत्पन्न हो जाती है। निर्माणाधीन एम्स की सारी मिट्टी बरसाती नालों को बंद करती हुई उनकी फसलों को तबाह करती हुई जमीनों में घुस चुकी है। लोगों ने सरकार, प्रशासन से और कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि उन्हें एक तो आने जाने के लिए रास्ता अलग से रास्ता मुहैया करवाया जाए, पीने के पानी की व्यवस्था की जाए और जो फसलों को और जमीन का नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाए।