प्रदेश में एक गांव ऐसा जहां कई सालों से नहीं हुआ सड़क का निर्माण

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के नूरपुर उपमंडल की दुर्गम व पिछड़ी पंचायत हाथी धार के वार्ड कलांगन से संबंधित लोगों ने एक बूथ पर लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार करने का निश्चय किया था लेकिन प्रशासन की मशक्कत के कारण इस बूथ पर मतदाताओं ने दोपहर 3वजे के लगभग मतदान का शुभारंभ किया था। इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधायों की कमी व गांव का सड़क मार्ग से न जुड़ा होना जैसी अन्य समस्याओं को लेकर मतदाता जागरूकता अभियान से प्रभावित होकर गांव के मतदाता मतदान के लिए आगे आए थे। अर्जुन ‘सेव अर्थ’ नामक एक समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी फाउंडेशन ने इनकी समस्याओं को दूर करने का प्रण लिया है।

फाउंडेशन के निदेशक और इसकी सचिव द्वारा इसके लिए संबंधित वार्ड का दौरा भी किया। इतना ही अभी हाल में इस पंचायत के कुछ बुद्धिजीवी वर्ग ने गत दिनों राज्य के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य से शिमला में में एक एनजीओ के संस्थापक अंकित बख्शी की शिरकत में क्षेत्र की तीन दयनीय स्थिति में सड़कों के बारे में अवगत करवाया गया था। ये सड़कें टीका नगरोटा से कलागण तथा बरनडा से चन्द्रायण तथा घट्टा से कोट पलाडी है। इन गांवों दयनीय सड़क के बारे में एक मांग पत्र भी देते हुए शिष्ट मंडल ने बताया कि आज तक नूरपूर के किसी भी विधायक ने इस मामले में क्षेत्र के लोगों की इस समस्या का समाधान नहीं किया।

गौरतलब है कि यह पंचायत भारत के सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश मेहर चंद महाजन की पैतृक पंचायत है। वाजपेई सरकार में कांगड़ा चम्बा संसदीय क्षेत्र के सांसद व केवीनेट मंत्री शांता कुमार ने इस गांव के विकास के लिए यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना में लोगों के लिए मंजूर करवाई थी। देश में दो बार भाजपा की सरकार केंद्र में मोदी की शिरकत में आसीन रही लेकिन उस समयकाल के सांसद विधायक ने कोई गौर नहीं किया। आज मोदी फिर से गठबंधन के माध्यम से तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। प्रदेश में कांग्रेस व भाजपा की सरकारों ने भी समय रहते हुए जनहित की समस्यायों को निपटाने के लिए कोई भी उचित कदम उठाने के लिए विभाग की अफसरशाही को इस मामले कोई भी निर्देश नहीं दिए।

सड़क का थोड़ा सा भाग निरमीत होना है। अगर यह भाग बन जाए तब नूरपूर विधानसभा क्षेत्र भटियात विधानसभा क्षेत्र से जुड जाएगा। यह भाग केवल 6 या 7 किमी का निर्माणधीन है। इस भाग में वनविभाग की भूमि नहीं है। गौरतलब है कि कुछ माह जब लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह नूरपूर में आए थे तब भी इस सड़क पर चर्चा हुई थी। भटियात विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुलदीप पठानिया जो विधानसभा के अध्यक्ष पद पर आसीन हैं उन्होंने यह मामला मुख्यमंत्री  के ध्यानार्थ लाकर इस सड़क को मंजूरी दिलवाई थी लेकिन अफसरशाही इस मामले में आखिरकार क्यों चुप हो गई यह चर्चा का विषय लोगों में है।

संवाददाताः विनय महाजन

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