ग्रामीण कालेज के मुख्य गेट पर रस्सी लगा कर दे रहे पहरा

एस के शर्मा। बड़सर

उपमंडल के बाबा बालक नाथ महाविद्यालय चकमोह को संस्थागत संगरोध केंद्र बनाने के विरोध में एसडीएम बड़सर को ज्ञापन भेजने के बाद अब ग्रामीणों ने विरोध के चलते कॉलेज के मुख्य गेट पर रस्सी लगा कर पहरा देना शुरू कर दिया है। शनिवार को कॉलेज परिसर मे ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करने के उपरान्त अब रात को भी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह करते हुए रात को भी ठीकरी पहरा दिया जा रहा है। पिछली रात ग्रामीण युवाओं ने पंचायत प्रतिनिधियों की अगुवाई मे यह कदम उठाया है। ग्राम पंचायत चकमोह के ग्रामीण लगातार दियोटसिद्ध व महाविद्यालय चकमोह को संस्थागत संगरोध केंद्र बनाने की सूचना का विरोध कर रहे है।

बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में प्रशासन ने कोविड -19 संस्थागत संगरोध केंद्र बनाया है। जिसमें प्रशासन ने बाहरी राज्यों से आने बाले जिला हमीरपुर के लोगों को क्वार्टेन किया है। इनमें से अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। केंद्र से कोरोना के मामले सामने आने के बाद क्षेत्र की जनता मे दहशत का मौहाल बना हुआ है। लेकिन जैसे ही महाविद्यालय चकमोह को संस्थागत संगरोध केंद्र बनाने कि सूचना पंचायत को लगी तो ग्रामीणों आग बबूला हो गए और इस बात का कॉलेज परिसर मे पंहुचकर विरोध जताया। उपमंडल अधिकारियो को इस वावत एक ज्ञापन भी भेजा, लेकिन ग्रामीणों को प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह होने की वजह से कि प्रशासन रात के अंधेरे में यहाँ लोगों को शिफ्ट न कर दें, रात को ठीकरी पहरा लगाना शरू कर दिया है।

वहीं रविवार को भी ग्रामीणों कॉलेज परिसर की पहरेदारी में जूटा हुए हैं। ग्रामीण किसी भी क़ीमत पर पंचायत के बीच घनी आबादी से घिरे कॉलेज को संस्थागत संगरोध केंद्र नहीं बनाने देना चाहतें है। ताकि इस महामारी संक्रमण से लोगों को बचाया जा सकें। उधर प्रधान चकमोह पंचायत फूलां देवी ने कहा कि सभी ग्रामीण प्रशासन की कार्य प्रणाली से आहात है। प्रशासन ग्रामीणों की चिंता न कर जबरदस्ती महाविद्यालय जो की घनी आबादी के बीच है को संस्थागत संगरोध केंद्र बनाना चाहता है। ग्रामीणों को डर है कि कहीं रात को ही किसी बाहरी व्यक्ति को प्रशासन यहां क्वारटाइन न कर दें जिसके चलते यहां ग्रामीण पहरा देने को मजबूर हो रहे है।