पर्यावरण संरक्षण के नियम हाशिए पर, सडक़ किनारे लगे गंदगी के ढेर

कूड़ा निस्तारण व डम्पिंग साइट का नहीं हो पाया प्रबंध

एसके शर्मा। हमीरपुर

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों व केंद्र के मिशन स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद बड़सर प्रशासन गम्भीर नहीं है। सड़क किनारे व हरे भरे जंगलों में सरेआम गंदगी कचरा फेंक कर पर्यावरण को रोज खराब किया जा रहा है, लेकिन लगता है। प्रशासन आंखें मींच के सोया हुआ है। ऐसा मामला उपमंडल बड़सर के अंतर्गत आने वाले मैहरे, सलौनी, बिझड़ी, दियोटसिद्ध, महारल व आस-पास के क्षेत्रों में सामने आया है। पर्यावरण से जुड़े मामलों को देखने वाली राष्ट्रीय संस्था नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के लगातार आदेशों के बावजूद आज तक उपमंडल बड़सर के इन क्षेत्राें में कूड़ा निस्तारण या डम्पिंग साइट का प्रबंध नहीं हो सका है।

यही कारण है की इन सभी क्षेत्राें की सड़काें के किनारे या हरे-भरे जंगलों के बीच में कूड़े-कचरे के ढेर लगे हुए हैं। कूड़े के इन बडे़-बडे़ ढेरों से कचरा बिखर कर वातावरण को खऱाब कर रहा है व प्राकृतिक सुंदरता पर भी ग्रहण लग रहा है। यही नहीं कई बार इन ढेरों में कचरा जलाने के लिए आग भी लगा दी जाती है, जिससे वातावरण ओर भी दूषित हो जाता है।

बताते चलें कि बड़सर उपमंडल की सीमा में प्रवेश करते ही बड़सर के गलु नामक स्थान के पास पर्यटकों का स्वागत एक बड़े कचरे के ढेर के साथ होता है। बिझड़ी के खुरपड़ी चौक के पास जंगल में फैला कचरा दूर से ही नजऱ आ जाता है। यही हाल सलौनी क्षेत्र का भी है। हैरानी की बात है कि इस समस्या के समाधान के लिए मीडिया द्वारा कई बार कवरेज की गईं और कई बार अधिकारियों द्वारा समाधान का आश्वासन भी दिया गया, लेकिन समस्या आज भी जस जी तस बनी हुई है।

उधर, एसडीएम बड़सर शशि पाल शर्मा ने बताया कि समस्या काफी पुरानी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने व सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए संबंधित बाजारों के प्रतिनिधियों व अन्य बुद्धिजीवियों के साथ शीघ्र ही मीटिंग का आयोजन कर समस्या के समाधान के उपाय किए जाएंगे।