देहरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए संघर्ष मोर्चा ने 12 बर्षो तक जलाई संघर्ष की मशाल

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए संघर्ष मोर्चा देहरा ने लगातार 12 वर्षों तक संघर्ष की मशाल जलाकर इस अलख को पूरा किया है और अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी के नाम देहरा की जमीन ट्रांसफर हो चुकी है और अब सरकार बिना देरी किये यहाँ जल्दी देहरा में एक भव्य कैंपस का निर्माण करे। यह बात देहरा विकास मंच समिति सदस्यों ने ज्वालामुखी विश्राम गृह में कही।

  • अब जमीन हुई ट्रांसफर बिना देरी शुरू हो अब काम
  • देहरा विकास मंच ने ज्वालामुखी में की बैठक

देहरा विकास मंच सदस्य पवन बजरंगी व ब्राह्मण सभा अध्यक्ष मनोज भारद्वाज ने बताया कि देहरा की जनता ने लगातार 12 वर्षों तक संघर्ष किया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी संघर्ष मोर्चा ने सड़क से कोर्ट तक लड़ाई लडी है। संघर्ष मोर्चा के दिवंगत साथी स्वर्गीय नरोत्तम नरेश वालिया ने इस आंदोलन की मशाल को सालों तक थामें रखा और बुझने नहीं दिया।
उन्होंने बताया कि 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से धर्मशाला में मिले थे ओर मांग की थी की इस प्रोजेक्ट को देहरा में स्थापित किया जाए।


केंद्र की टीम ने विजिट किया और देहरा की जमीन केंद्र के इस प्रोजेक्ट की सभी मापदंडों को पूरा करती हुई पास हो गई और सेंट्रल युनिवर्सिटी एक्ट 2009 के तहत भारत सरकार की कैबिनेट में पास हुआ कि देहरा 70 प्रतिशत व धर्मशाला में 30 प्रतिशत कैंपस बनना तय हुआ लेकिन देहरा के हितों के विरोधियों ने अपनी राजनीतिक कुटिलता और षड्यंत्र करके देहरा के इस प्रोजेक्ट को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

लगातार मोर्चा द्वारा लोगों ने जो सरकारों से संपर्क रखा गया और उसके बाद अंततः संघर्ष का बिगुल बजाना पड़ा और 2016 में देहरा में 31 दिनों तक अनशन जारी रखा गया। प्रदर्शन किया, चक्का जाम भी किया। 8 सालों बाद सैंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आनन-फानन में यहां पर किराए के भवन में अस्थाई कैंपस चलाया और कक्षाएं शुरू हुई, जमीन की प्रक्रिया भी कोर्ट के हस्तक्षेप से ही पूरी होनी संभव हुई।

सांसद अनुराग ठाकुर लगातार प्रयासों से सैंट्रल यूनिवर्सिटी स्थापित होने जा रही है। देहरा की जमीन आधिकारिक तौर पर सैंट्रल यूनिवर्सिटी के नाम हो चुकी है। इस मौके पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी संघर्ष मोर्चा फाउंडर मेंबर व देहरा विकास मंच के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर, पवन शर्मा बजरंगी , ब्राह्मण सभा अध्यक्ष मनोज भारद्वाज, अश्वनी शर्मा, सुशील शर्मा, जोगिंदर शर्मा आदि मौजूद रहे।