योल कैन्टोनमैंट क्षेत्र को विभिन्न पंचायतों में मर्ज करने के फैसले का संघर्ष समिति ने किया कड़ा विरोध

उज्जवल हिमाचल। योल

ग्राम पंचायत निर्माण सुधार संघर्ष समिति हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में हाल ही में हुए योल कैन्टोनमैंट क्षेत्र को विभिन्न पंचायतों में मर्ज करने के फैसले का विरोध कर रही है। शनिवार को संघर्ष समिति के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में प्रस्ताव पास किया कि छावनी वासियों को समीपवर्ती पंचायतो से न जोड़ा जाए बल्कि अलग पंचायत बनाई जाए जिसकी संघर्ष समिति कई वर्षों से मांग उठाती आई है।

मामला उच्च न्यायालय में दायर है और मामला भी जनता के हम में है। इस बारे में जब केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो संघर्ष समिति ने कन्टेपट ऑफ कोर्ट का मामला भी दायर किया है और उसकी पेशी पन्द्रह मार्च को रखी गई है।

संघर्ष समिति ने कहा कि योल वासियों को जिन पंचायतों में मर्ज किया जा रहा वो पहले से ही विकसित है और योल छावनी क्षेत्र कई वर्षों से विकास से कोसों दूर है ऐसे में योल का विकसित होना मुश्किल है। यह भी कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि सरकार योल वासियों के साथ ऐसा करेगी।

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सभा के अध्यक्ष ज्ञान चन्द ने कहा कि राजनैतिक पार्टियों का नेता भी चुनावी मौसम में ही लुभावने वायदे कर चुनाव जीतते ही भूल जाते है। यही कारण है कि अब विधायकों मंत्रियों व सांसदो पर से विश्वाश का उठना। संघर्ष समिति योल ने सरकार से अनुरोध किया है कि छावनी वासियों को समीपवर्ति पंचायतों में न मिलाकर नई पंचायत का गठन करें ताकि योल का विकास हो सके।

अगर सरकार द्वारा मनमानी कर जबरदस्ती समीपवर्ति पंचायतो में मिलाया गया तो संघर्ष समिति को मजबूर होकर फिर से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। सन 2019 में भी अलग पंचायत बनाने के लिए प्रशासन ने संघर्ष समिति से प्रस्ताव लिए थे। इस बैठक में समिति अध्यक्ष ज्ञान चन्द के साथ पदाधिकारी कल्याण चन्द, होशियार सिंह, कर्नल जे. एस. जरियाल, कैप्टन अहमदअहद खान, बालकिशन नरोत्तम सिंह, विक्रम धीमान आदि मौजूद रहे।

संवाददाताः नरेश धीमान

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