संजय पराशर ने दी 110 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप

स्कॉलरशिप कार्यक्रम के अंर्तगत बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्च उठा रहे पराशर

उज्जवल हिमाचल। परापगुर

आर्थिक रूप से अक्षम लेकिन होनहार विद्यार्थियों को कैप्टन संजय ने जमा एक व दो कक्षाओं में विज्ञान विषय की पढ़ाई के लिए 110 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप प्रदान की है। हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिरों में अध्ययनरत छात्रों के अलावा कालेश्वर हाई स्कूल, कूहना के विद्यार्थियों को भी इस कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है। जसवां-परागपुर क्षेत्र के स्वाणा, समनोली, परागपुर, रक्कड़ व कूहना के विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान की गई है तो चिंतपूर्णी के कटोहड़ खुर्द के छात्रों को भी संजय ने तोहफा दिया है। वहीं, इन विद्यार्थियों के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था भी पराशर द्वारा की जाएगी। साथ में संजय ने घोषणा की है कि मर्चेंट नेवी में नौकरी करने के इच्छुक विद्यार्थियों को जमा दो के बाद सीधा रोजगार से भी जोड़ा जाएगा। छात्रवृति कार्यक्रम में विद्यार्थियों की की ट्यूशन फीस, पुस्तकें व बैग और परिवहन सुविधा का सारा खर्च संजय द्वारा ही वहन किया जा रहा है। इस नए शैक्षणिक सत्र में एनडीए, नीट और जेई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी पराशर के सौजन्य से निशुल्क करवाई जाएगी। स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत एक सौ दस विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण करवा लिया है। पराशर का कहना है कि अगर अन्य होनहार विद्यार्थी भी इस कार्यक्रम के तहत सरस्वती विद्या मंदिर, परागपुर और चिंतपूर्णी में पढ़ाई करना चाहते हैं तो उन्हें भी इस कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

दरअसल शिक्षा व रोजगार को लेकर संजय पराशर का स्पष्ट विजन है कि शिक्षा रोजगारन्मुखी होनी चाहिए। रोजगार से जुड़कर ही युवा गांवों से गरीबी को मिटा सकते हैं और उसके बाद स्वत: ही कई समस्याओं का हल हो जाएगा। रोजगार के सृजन के अवसरों के साथ युवाओ को प्रशिक्षित करने के लिए संजय ने अभी तक जसवां-परागपुर क्षेत्र में बीस निशुल्क इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर सेंटर खोले हैं, जिसमें टेली-ईआरपी का कोर्स भी फ्री में उपलब्ध है। वहीं, सरस्वती विद्या मंदिर, परागपुर में उन्होंने अपने संसाधनों से रिकार्ड पांच माह के समय में लगभग चालीस लाख रूपए से इस स्कूल की विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण करवा दिया और साइंस लैब के लिए उपकरण भी उपलब्ध करवाए। अब स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत होनहार बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए संजय ने यह बड़ा कदम उठाया है। इस विद्यालय में जमा दो में अध्ययनरत विद्यार्थियों का खर्च न के बराबर होगा क्योंकि किताबाें से लेकर स्कूल फीस का सारी जिम्मेवारी पराशर ने अपने ऊपर ली है।

दस जमा में उतीर्ण होने के बाद अगर छात्र मर्चेंट नेवी में जाने का इरादा रखते हैं तो संजय उन विद्यार्थियों को रोजगार की गारंटी भी देगें। गौरतलब है कि पराशर ने इससे पहले भी शिक्षण संस्थानों के लिए लाखों रूपए का अनुदान दिया है। राजकीय महाविद्यालय, चिंतपूर्णी के भवन के जीर्णोद्धार पर तीस लाख रूपए की राशि व्यय की थी तो सरस्वती विद्या मंदिर नेरवा के भवन के लिए भी ग्यारह लाख रूपए दिए। कोरोनाकाल में आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों के बच्चों की फीस के लिए पराशर ने 21 लाख रूपए हिमाचल शिक्षा समिति को प्रदान किए थे। वहीं, अभिभावकों नंदपुर से रंजना कुमारी, रक्कड़ से विनोद कुमार, बलियाणा से आर्यन राणा और मट उमरां से वीरेन्द्र कुमार का कहना था कि कैप्टन संजय ने उनके बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए बहुत बड़ी मदद की है। इसके लिए वे पराशर का आभार व्यक्त करते हैं।