कम छात्राें की संख्या वाले स्कूल हाेंगे बंद

विभाग दस से कम विद्यार्थियों वाले विद्यालयों की करेगा पहचान

एसके शर्मा। हमीरपुर

हिमाचल में अब दस से कम छात्रों वाले हाई व सेकेंडरी स्कूल बंद हो सकते हैं। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर पहले चरण की कार्रवाई शुरू कर दी है। जिलों से दस से कम छात्र संख्या वाले हाई व सेकेंडरी स्कूलों का बायोडाटा मांगा है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक की ओर से जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए गए। इसके तहत जिलों को 10 से कम छात्र संख्या वाले हाई, वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का ब्यौरा देना होगा।

साथ ही विभाग ने उन स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के माता-पिता, स्कूल की प्रबंधन समिति के सदस्यों का फोन नंबर भी मांगा है, ताकि उनसे बात कर स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़ाईं जा सके। पहली बार उच्च शिक्षा निदेशालय ने दस से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की रिपोर्ट तलब की है। हालांकि इसमें खास बात यह है कि कम संख्या वाले स्कूलों में एनरोलमेंट न बढ़ने का कारण शिक्षा विभाग के अधिकारी अभिभावकों व एसएमसी के सदस्यों से पूछेंगे। शिक्षा निदेशालय से कॉल हर ग्रामीण क्षेत्र को जाएगी। इस दौरान अगर ग्रामीणों व अभिभावकों से पता चलता है कि सालों से इन स्कूलों में एनरोलमेंट नहीं बढ़ रही है, तो ऐसे में बंद किया जाता है।

प्राइमरी व मिडल स्कूलों की तर्ज पर ही सेकेंडरी स्कूलों को भी मर्ज करने की योजना सरकार बना रही है। यही वजह से है कि सरकार के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों से ब्यौरा मांगा है। बता दें कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को तभी बंद किया जाएगा, अगर इस पर एसएमसी, अभिभावकों व अन्य ग्रामीण क्षेत्र के वरिष्ठ लोगों की सहमति बन जाती है। जानकारी के अनुसार सरकार व शिक्षा विभाग कम स्कूलों में बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाना चाहते हैं।

राज्य में मौजूदा समय में 10 हजार से ज्यादा हाई व मिडल स्कूल हैं। इन स्कूलों में करीब साढ़े पांच लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। फिलहाल अब एक हफ्ते का समय शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों को दिया है। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का ब्यौरा देते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि संबंधित क्षेत्र के अभिभावक व कुछ लोगों का नंबर विभाग को मुहैया करवाना जरूरी होगा।

एक हफ्ते बाद होगा रिव्यू
शिक्षा विभाग एक हफ्ते बाद कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का रिव्यू करेगा। जिलों से जो रिपोर्ट आएगी, उसके बाद निदेशालय से शिक्षा अधिकारी अभिभावकों को कॉल कर कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करे या नहीं, इस पर सुझाव लिए जाएंगे।