एसडीएम जवाली ने गरीबों के हक में सुनाया फैसल, पंचायत की तानाशाही पर फेरा पानी

चैन सिंह गुलेरिया। ज्वाली

ज्वाली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पंचायत सिद्धपुरघाड़ में 29-7-2021 को हुए आम ग्राम सभा की बैठक में पंचायत के प्रतिनिधियों ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिना नोटिफिकेशन 48 गरीब व्यक्तियों को बीपीएल की सूची से बाहर का रास्ता दिखाया। और उनकी जगह पर अपने सगे संबंधियों व अपने चहेतों को डाला गया। जिसका जमकर विरोध हुआ और मामला बीडीओ फतेहपुर और उसके बाद एसडीएम ज्वाली पहुंच गया। लेकिन निकाले गए गरीब लोगों की किस्मत ने भी साथ नहीं दिया। कोई उनका दुखड़ा सुनता कि कोरोना जैसी भयानक बीमारी ने दस्तक दे दी। बीमारी से कुछ राहत मिली तो ज्वाली के मिनी सचिवालय में एसडीएम की कुर्सी खाली रहने लगी।

हफ्ते में एक या दो दिन इंदौरा के एसडीएम काम काज को देखते थे लेकिन काम ज्यादा होने कारण सिद्धपुरघाड़ के गरीब लोगों का मामला लटकता गया। कोई भी इस मामले की सुध नहीं ले रहा था। निकाले गए लोगों को न तो राशन मिल रहा था और न ही अपने हिम केयर कार्ड को दोबारा बना सके। उनके चेहरों पर मायूसी ही मायूसी देखने को मिलती थी। अब तो वो लोग आस छोड़ चुके थे कि कोई हमारी फरियाद सुनेगा। लेकिन किसी ने ठीक ही कहा है कि देर आए पर दरुस्त आए। ज्वाली के मिनी सचिवालय में सरकार ने आम जनता की भलाई व गरीब लोगों के दुखड़े को सुनने के लिए गरीबों के मसीहा महेंद्र प्रताप सिंह को बतौर एसडीएम भेजा।

जैसे ही एसडीएम महिंद प्रताप सिंह ने कार्यभार संभाला केवल 15-20 दिनों में ही गरीबों की इस गंभीर समस्या को हल करना अपना धर्म समझा और मामले का गहनता से सोच विचार करने के बाद गरीबों के पक्ष में फैसला सुनाकर पंचायत के प्रतिनिधियों की मनमानी को भी तोड़ा। बीपीएल की सूची से बाहर किए लोगों के चेहरों पर फिर रौनक लौट आई उन्होंने एस डी एम ज्वाली महेंद्र प्रताप सिंह और सरकार का इस न्याय प्रति अपना आभार व्यक्त किया।

पूर्व प्रधान परमजीत मनकोटिया में कहा कि पंचायत सिद्धपुरघाड़ में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके गरीब लोगों को बिना नोटिफिकेशन के बीपीएल की सूची से बाहर करना लोकतंत्र की सरेआम हत्या करना थी। जिसका मैने कुछ निकाले गए लोगों के समूह के साथ जमकर विरोध किया और मामले को अंजाम तक पहुंचाया। आखिरकार मामले का निपटारा गरीबों के पक्ष ही गया जिसपर में एसडीएम महेंद्र प्रताप सिंह का तह दिली आभार व्यक्त करती हूं। निकाले गए लोगों को राशन न मिलने बारे खंड विकास अधिकारी रणविजय कटोच से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि पंचायत की करवाई को रद्द कर दिया है। फिलहाल पुराने वाले लाभार्थी ही मान्य होंगे और रही राशन न मिलने बारे तो कानून के तहत जो करवाई होगी की जाएगी ।