उपचुनाव में हार सामने देख बीजेपी के मंत्री कर रहे अनाप शनाप बयानबाजी : राठौर

नए जिलों का चुनावी शिगुफा छोड़ने वाली कर्ज पर चलने वाली सरकार बताए पैसा कहां से लाएंगे?

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

बीजेपी की सरकार उपचुनावों में अपनी हार सामने देख कर बौखला गई है। इसलिए बीजेपी के मंत्री अनाप-शनाप बयानवाजी कर रहे हैं। यह बात शिमला में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कही। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि सेब के दाम गिरने से बागवान चिंतित है। बागबान बहुल क्षेत्रों में मातम का माहौल है। कांग्रेस ने अडानी स्टोर के बाहर प्रदर्शन कर सरकार को चेताया है।

अडानी ने हिमाचल प्रदेश में जो स्टोर बनाए हैं, उसके लिए जमीन इसी शर्त पर दी थी कि वह यहां के बागबानों को सेब के उचित मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि जब से देश मे मोदी सरकार बनी है, तब से उनका रवैया बदल गया है। प्रदेश के बागबानों में हताशा का माहौल है। एचपीएमसी के कोल्ड स्टोरेज का इस्तेमाल बागवानों के बजाए अडानी कर रहा है। कुलदीप राठौर ने कहा कि बागवानी मंत्री को बागवानी की कोई समझ नहीं है। उनका बयान उनकी मानसिकता को दर्शाता है। खुले में सेब बेचने के बयान देने वाले को बागवानी मंत्री बने रहने का कोई हक़ नहीं है।

वह खुद बागवानों का हाल जानने कहीं जाते नहीं है, लेकिन जो मंत्री जा रहे हैं, वह अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। उनके बयानों पर राठौर ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि अगर वह व्यक्तिगत बयानबाजी पर आए, तो भारद्वाज को खड़े होने के लिए जगह नही मिलेगी। उन्होंने कहा कि जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं। बीजेपी अपनी हार देख कर बौखला गई हैं। इसलिए बीजेपी सरकार के मंत्री ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। चुनावों को देखते हुए नए जिला बनाने का शिगूफा छोड़ रही है। नए जिला बनाने के लिए खर्च होगा कर्ज पर चल रही सरकार पैसा कहां से लाएगी?

पहले सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए। सरकार को जनता को भर्मित करना छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी जीत हासिल करेगी। राठौर ने कहा कि सरकार कोरोना को लेकर दोहरे मापदंड अपना रही है। एक तरफ तो कोरोना बढ़ रहा है, बसों में 50 प्रतिशत सवारियां बिठाई जा रही है। दूसरी ओर जनमंच कराने जा रही है। जनमंच में भीड़ जुटेगी क्या उससे कोरोना नही फैलेगा। घरेलू गैस के दाम बढ़ने पर उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में असफल है। आम जनता पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है, जिसका सरकारों के पास कोई हल नहीं है।