एबीवीपी के बढ़ते प्रभाव को देख बोखलाहट में एसएफआई

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

आज जब एबीवीपी के तमाम कार्यकर्ता विधि विभाग में प्रवेश परीक्षा देने आए प्रदेश भर के छात्रों की सहायता कर रहे थे, तो एसएफआई के एक कार्यकर्ता ने एबीवीपी की छात्रा कार्यकर्ता को टिप्पणी कर मारपीट की, इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि एबीवीपी के छात्रों के बीच में बढ़ते प्रभाव को देख कर एसएफआई बित्ते कुछ दिनों से एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती अश्लील, भदी टिपा-टिंप्पनी कर उकसाने का काम कर रही है, ताकि हिंसा का कारण खोज कर हिंसात्मक माहौल बना कर अपना अस्तित्व बनाए रख सके।

  • फर्जी महिलावादी एबीवीपी की छात्रा कार्यकर्ता के साथ मारपीट
  • एसएफआई आउट साइडर गुंडों को लाकर हिंसा फैलाने का कर रही काम
  • एसएफआई में लगभग 75 प्रतिशत लोग ऐसे जो विवि के छात्र नहीं

एसएफआई स्वयं को महिलावादी बता कर ढाेंग रचाने का काम कर रही है। एसएफआई के फर्जी महिलावादी छात्राओं के साथ मारपीट करने से भी नहीं रुके। छात्राओं को अश्लील टिपण्णी करना और मारपीट करना बहुत शर्मनाक है। विद्यार्थी परिषद के लंबे संघर्ष के बाद प्रदेश विश्वविद्यालय में परिषद का प्रभाव बढ़ा है। ऐसे में एसएफआई पूरी तरह से बौखलाई हुई है। अपने अस्तिव की लड़ाई लड़ रही एसएफआई अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए अंतिम और हिंसक प्रयास कर रही है। इतना ही नहीं प्रदेश विश्वविद्यालय में हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पूरी रणनीति के तहत विश्वविद्यालय से बाहर गैर कानूनी तरीके से गुंडों को आया जा रहा है।

विशाल ने कहा कि एसएफआई में लगभग 70 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो विश्वविद्यालय के छात्र नहीं है। उन्हें एसएफआई के द्वारा हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ही विश्वविद्यालय बुलाया जा रहा है, ताकि एसएफआई अपने विचरानुसर हिंसा कर विश्वविद्यालय में लोकतंत्र का दमन कर स्वयं का प्रभुत्व बना सके। विशाल ने कहा कि एसएफआई बौखलाई हुई है और अपने अंतिम चरण पर है।

एसएफआई प्रदेश भर में बेनकाब हो चुकी है। इसी लिए हिंसात्मक माहौल बना कर अस्तित्व को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एसएफआई को प्रदेश और प्रदेश विश्वविद्यालय में बैन किया जाए व छात्राओं के साथ बदसलूकी करने वाले एसएफआई के कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर विश्वविद्यालय परिसर से बैन किया जाए।