गौशाला खोलने के लिए प्रशासन से मांगा सहयोग

उज्जवल हिमाचल। फतेहपुर

ज्यों तो तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल से ही प्रत्येक पंचायत में गौशाला खोलने की योजना पर काम कागजों में ही किया जाता रहा है, जो कि अभी तक भी धरातल पर नहीं उतर पाया है, लेकिन अगर कहीं कुछ लोग समूह बनाकर गौशाला खोलने की पहल कर रहे हैं, तो उनको प्रशासन की तरफ से सहयोग ही नहीं मिल रहा है। ऐसा ही उदाहरण उपमंडल फतेहपुर के कस्बा सिहाल व जगनोली के रजिस्टर्ड समूह के साथ होता हुआ देखने को मिल रहा है।

बता दें क्षेत्र के बेसहारा पशुओं के कहर से किसानों को बचाने के लिए सिहाल व जगनोली के कुछ लोगों ने समूह बनाकर सिहाल क्षेत्र में गौशाला खोलने की योजना बनाई थी, जिसके लिए बकायदा उन्होंने गीता गौशाला के नाम पर रजिस्ट्रेशन भी करवा ली, लेकिन राजस्व विभाग अभी तक गौशाला के लिये भूमि का चयन नहीं कर पाया है, जिस पर परेशान होकर संचालन कमेटी ने जल्द ही इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भेजने का निर्णय लिया हैं। संचालन कमेटी प्रधान रणबीर सिंह ने बताया सिहाल पुल के समीप बहुत ज्यादा मात्रा में सरकारी भूमि बीरान पड़ी है।

अगर उसे ही गौशाला के लिए स्वीकृत कर दिया जाए, तो वहां पर एक खुली हवादर गौशाला बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा दो बार राजस्व विभाग में तैनात पटवारी जमीन देखने भी पहुंचे, लेकिन कोई सही निर्णय नहीं दे पाए। उन्होंने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि रजिस्टर्ड समूह को सिहाल पुल के समीप बीरान पड़ी सरकारी भूमि को गौशाला चलाने के लिए दे दिया जाए, ताकि जल्द ही वाे बाड़ा बनाते हुए क्षेत्र में घूम रहे आवारा गौबंश को उसमे सुरक्षित रख पाए।

उन्हाेंने कहा कि बेसहारा गौबंश कारण आए दिन मुख्य मार्ग जसूर-तलवाड़ा पर दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिसमें कई लोग जख्मी हो चुके हैं। क्षेत्र में गौशाला खुलते ही बेसहारा गौबंश भी क्षेत्र की सड़कों पर कम दिखेगा, जिस कारण दुर्घटनाओं का भी ग्राफ गिरेगा। वहीं हल्का पटवारी रवि कुमार के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि उक्त खुलने वाली गौशाला के लिए जल्द ही भूमि का चयन करते हुए समूह को बता दिया जाएगा, ताकि समूह आगे की करवाई शुरू कर सके। इस मौके पर समूह प्रधान के साथ कमेटी मेंबरों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे।