राज्यपाल का पुलिस विभाग में अलग साइबर अपराध विभाग स्थापित करने पर बल

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश में बढ़ रहे साइबर क्राइम को लेकर चिंता जाहिर की है और कहा कि इसके लिए अगर अलग कानून बनाने की जरूरत महसूस होती है तो सरकार अलग कानून भी बनाना चाहिए।राज्यपाल ने विशेषकर शहरी क्षेत्रो में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने पर बल दिया। बढ़ते साइबर अपराध के दृष्टिगत पुलिस विभाग में साइबर अपराधों की जांच के लिए अलग साइबर अपराध विभाग स्थापित भी किया जाना चाहिए, ताकि अपराधियों को जल्द सजा दिलाई जा सके। राज्यपाल ने महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के मामले में प्रदेश के आंकड़ों पर संतोष व्यक्त करते हुए पुलिस विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विभाग ने ऐसे अनेक प्रयास किए हैं जो इन अपराधों को रोकने में कारगर सिद्ध हुए हैं। उन्होंने पुलिस महानिदेशक की सराहना की कि प्रथम अगस्त, 2020 से प्रदेश के सभी पुलिस थानो में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधियों के लिए 26 नम्बर रजिस्टर जारी किया है। ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है और दूसरे राज्य इसका अनुसरण कर रहे हैं। दत्तात्रेय ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध एक संवेदनशील मामला है, जिसे रोकने में पुलिस की भूमिका अहम है। पुलिस को ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए कि अपराधी के मन में कानून का डर हो और उन्हें लगे कि वे अपराध करने के बाद बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि समाज का भी यह कर्तव्य है कि वह इस विषय में जागरूकता फैलाएं।

 जब तक वैक्सीन नहीं, तब तक जागरूकता ही कोरोना की दवाई

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि कोरोना बीमारी का फिलहाल कोई इलाज नहीं है जागरूकता ही एकमात्र हथियार है जिसके सहारे कोरोना वायरस से बचा जा सकता है इसलिए सभी लोगों को जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है और मास्क पहनना व 2 गज की दूरी अपनाना जरूरी है। तभी इस महामारी से बचा जा सकता है।