उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला
एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय पुस्तकालय के मुख्य लाइब्रेरियन को साेमवार काे ज्ञापन सौंपा। पिछले कल काेरोना महामारी के बढ़ते हुए मामलाें को देखकर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं, हम जानते हैं कि मार्च, 2020 के बाद प्रदेश भर में लगभग सभी शिक्षण संस्थान बंद पड़े थे और प्रदेश भर में शिक्षा व शोध का काम ठप पड़ा था। बड़े लंबे समय के बाद शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान खुलने लगे थे, परंतु देश व प्रदेश भर में करोड़ों के नए वैरिएंट के लगातार बढ़ते मामले सभी के लिए एक गंभीर समस्या बन रही है, जिसके चलते सरकार द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फरमान जारी किया है, लेकिन एसएफआई का स्पष्ट मानना है कि प्रदेश भर में वैसे भी छुट्टियों का दौर है।
इसके अंदर सभी स्कूल कॉलेज व विश्वविद्यालय बंद हैं, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी जब विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी छात्रों के लिए खुली थी, उसको भी बंद किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है। मार्च, 2020 के बाद से छात्र कम संसाधनों और कम सुविधाओं के साथ अपने घरों में रहने को मजबूर था, जिसका मुख्य कारण यह था कि हम सभी कोरोना महामारी के व्यवहार और प्रभाव से अनभिज्ञ थे, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। देश में बहुत बड़ा हिस्सा वैक्सीनेट हो चुका है और सभी महामारी के व्यवहार से भी परिचित हो चुके हैं।
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एसएफआई का स्पष्ट मानना है कि विश्वविद्यालय में छुटियों में भी शोधकर्ता अपना शोधकार्य करते हैं और आने वाले समय मे मार्च महीने में यूजी और पीजी कक्षाओं की परीक्षाएं भी होनी है। ऐसे समय में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लाइब्रेरी को बंद करने का यह फरमान सरासर गलत है और एसएफआई इसका पुरजोर विरोध भी करती है। एसएफआई ने लाइब्रेरियन को स्पष्ट किया है कि अगर यह फरमान तुरंत प्रभाव से वापस नही लिया गया, तो एसएफआई विश्वविद्यालय में छात्रों को लामबद्ध करते हुए एक उग्र आंदोलन के अंदर जाएगी, जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।