25 मई को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी एसएफआई

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

एसएफआई मंडी जिला कमेटी ने सरकार द्वारा नए सत्र से सरकारी महाविद्यालयों से विश्वविद्यालय को दी जाने वाली एफिलेशन, इंस्पेक्शन व कॉन्टिनुशन फीस पर 18 प्रतिशत थोपने के निर्णय का विरोध किया है । एसएफआई का मानना है कि पहले इस फीस पर किसी भी तरीके का कर नही होता था उसके पीछे वजह थी कि छात्र संगठन जीएसटी के आते ही शिक्षा को जीएसटी मुक्त करने की मांग कर रहे थे, लेकिन इस बार सरकार कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट का बहाना लगाकर शिक्षा को अप्रत्यक्ष रूप से जीएसटी के दायरे में लाने के लिए आगे आई है।

इसका असर महाविद्यालयों में बेतहाशा फीस वृद्धि के रूप में देखने को मिलेगा, औऱ हजारों छात्र आर्थिक तंगी के कारण लगातार महंगी हो रही उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। हालांकि जब हम जीएसटी की बात करे तो मादक पदार्थों डीज़ल पेट्रोल व अन्य गैर जरूरी वस्तुओ तथा सेवाओ पर जीएसटी की दर शून्य या नाममात्र रखी गई है, लेकिन शिक्षा जो राज्य की अनिवार्य जिम्मेदारी है, उसे 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रखना सरकार के शिक्षा विरोधी नजरिये को बेनकाब करता है।

एमसीएम डीएवी कॉलेज कागड़ा में ऑनलाइन एडमिशन फॉर्म भरने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdCIqPYEk7A2g5qJB5u8aq9lxEnlG1dJRcm61FVf9MZ23Wwzw/viewform?vc=0&c=0&w=1

एसएफआई जिला सचिव रोहित ठाकुर ने बताया कि पिछले 2 महीने से कोरोना संकट के कारण पैदा हुई समस्याओं को लेकर प्रदेश सरकार से मांग कर रहे है कि नए शैक्षिणिक सत्र के शुरू होने से पहले सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों व कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं, जिसके लिए सेनिटाइजर टनल का निर्माण करना जरूरी है। क्योंकि इनमें अधिक लागत भी नही है तो सरकार आर्थिक तंगी का बहाना भी नही बना सकती है।

इसके साथ ही कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट ने प्रदेश के कामगारों, किसानों, बागवानों व छोटे दुकानदारों की कमर तोड़ दी है। इसलिए एसएफआई सरकार से मांग कर रही है कि सभी छात्रों को विशेष भत्ता दिया जाए व उनके 3 महीने के कमरों के किराए, होस्टल व पीजी के किराए माफ किए जाए, लेकिन सरकार इसके विपरीत इस महामारी को अवसर के रूप में इस्तेमाल करते हुए शिक्षा को 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाकर फीस बढ़ौतरी करते हुए आम छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने का काम कर रही है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नही किया जाएगा। एसएफआई सरकार के इस शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ 25 मई को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी।