कीर्ति चक्र लौटाने राजभवन क्यों पहुंचा शहीद का परिवार

उज्जवल हिमाचल। शिमला

शहीद के नाम से की गई घोषणाएं पूरी न करने पर नाराज परिवार कीर्ति चक्र लौटने राजभवन पहुंच गया। 2002 में असम में शहीद कांगड़ा के जयसिंहपुर के जवान को कीर्ति चक्र से नवाजा गया। उसी वक्त तत्कालीन सरकार ने शहीद के नाम पर स्मारक बनाने और स्कूल का नाम रखने की घोषणा की थी, लेकिन 18 साल के बाद भी सरकार ने दोनों वादे पूरे नहीं किए है। इसके चलते नाराज शहीद अनिल का परिवार आज कीर्ति चक्र लौटने राजभवन पहुंच गया।

  • 18 साल बाद भी पूरे नहीं हुए शहीद परिवार से किए वादे

शहीद की मां राजकुमारी का कहना है कि 23 साल के बेटे ने 2002 में असम में अपनी शहादत दी थी। उस वक्त वीरभद्र सरकार ने अनिल के नाम पर स्कूल का नाम रखने और स्मारक बनाने का वायदा किया था जो आज तक पूरा नहीं हो ।पाया है। 18 साल तक वादे पूरे न करना शहीदों का अपमान है, इसलिए वह कीर्ति चक्र लौटने आई हैं। शहीद के भाई संदीप चौहान ने भी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कितने शहीद है जिनके साथ सरकार वादाखिलाफी कर रही है। इसलिए नाराजग़ी है यही वजह है कि इस परिवार को कीर्ति चक्र लौटने राजभवन आना पड़ा है।संयोग से इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे थे। शहीद के परिवार को देखकर उन्होंने गाड़ी रोकी और शहीद परिवार को आश्वासन दिया।