गर्मियां आते ही पेयजल की किल्लत, लाेग परेशान

चमेल सिंह देसाईक। शिलाई

गर्मियां आते ही शिलाई में पेयजल के लिए हाहाकार शुरू हो जाता है। गिरिखंड के मध्य में बसे शिलाई कस्बे के अंतर्गत लगभग 35 पंचायतें ऐसी है, जिनमें दशकों से पेयजल किल्लत चली हुई है। विकास खंड शिलाई की ग्रामं पंचायत बेला व बालीकोटी के मध्य बसा गांव हण्ढाड़ी भी समस्या से जूझ रहा है। हण्ढाड़ी गांव के खड्ड में ग्रेविटी सोर्स है, लेकिन सत्ताधारियों द्वारा निजी पेयजल लाइन लगाने के कारण दशकों पुरानी सरकारी पेयजल लाइन में पेयजल नही पहुंच पा रहा है और हण्ढाड़ी पेयजल के लिए दरदर भटक रहे हैं।

जलशक्ति विभाग मंडल शिलाई को ग्रामीणों ने लिखित शिकायत दी है तथा स्थाई समाधान की अपील की गई है। हण्ढाड़ी निवासी प्रदीप वर्मा, चतर सिंह, भवान सिंह, सिया राम, विक्रम सिंह, रिंकू, रामभज, अतर, फ़क़ीर चंद, कल्याण सिंह, अनिल कुमार, जीत सिंह, कुंदन सिंह, बंसी राम व राजेन्द्र सिंह ने बताया कि हण्ढाड़ी गांव के लिए 80 दे दशक में पेयजल योजना बनाई गई है। खड्ड में हण्ढाड़ी गांव पेयजल सोर्स से लगभग 150 मीटर ऊपर से बशवा गांव का पेयजल सोर्स बनाया गया है।

बशवा गांव के पेयजल सोर्स के नीचे तथा हमारे पेयजल सोर्स के ठीक ऊपर से बोबरी गांव के प्रभावशाली लोगों ने निजी पेयजल लाइने लगाई हुई है, जिसके कारण हण्ढाड़ी गांव का पेयजल सोर्स कम हो गया है तथा पेयजल किल्लत हो रही है। इतना ही नहीं, बल्कि अब निजी पेयजल लाईन की जगह संबंधित विभाग सरकारी पेयजल लाइन लगाने के लिए कार्य शुरू कर रहा है, जबकि बोबरी गांव के लिए इससे पहले दो पेयजल लाइनों से पेयजल सप्लाई जा रही है। सत्ताधारी नेताओं का आशीर्वाद बोबरी निवासियों पर है।

इसलिए विभागीय अधिकारी व कर्मचारी आगे पीछे दुम हिलाते नजर आ रहे हैं और हण्ढाड़ी निवासियों की समस्या का समाधान होने की जगह बढ़ती जा रही है। जलशक्ति विभाग मंडल शिलाई अधिशासी अभियंता विपिन कुमार ने बताया कि हण्ढाड़ी निवासियों की शिकायत उन्हें मिली है। इसलिए सहायक अभियंता को मौका का निरीक्षण के लिए भेजा गया है। मौका की रिपोर्ट आने के बाद विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।