वैक्सीन का क्या है साइड इफेक्ट, टीकाकरण के सभी सवालों के जवाब

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में आज से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। टीकाकरण के पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग शामिल होंगे। पहले चरण के टीकाकरण का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। देशभर में कुल 3006 केंद्रों के जरिए पहले दिन तीन लाख लोगों को टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। जैसे- टीकाकरण कब और कितने बजे शुरू होगा, टीकाकरण के लिए कौन सा पहचान पत्र दिखाना होगा, क्या टीका लगवाना सभी के लिए जरूरी है।

इन सभी सवालों का स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब दिया है। कोरोना टीकाकरण स्वैच्छिक है। हालांकि, अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए सभी को वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी चाहिए। हां, कोरोना वैक्सीन लोगों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। इसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता के आधार पर राष्ट्रीय नियामक से मंजूरी मिलने के बाद ही देश में आज से टीकाकरण शुरू हो रहा है। हां, कोरोना संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति को भी टीका लगवाने की जरूरत है। कोरोना वैक्सीन बीमारी के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने में मदद करता है। भारत में लगाई जाने वाली वैक्सीन भी अन्य देशों की तरह ही प्रभावी है। उनकी सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए टीकों को विभिन्न चरणों में परिक्षण किया जाता है। भारत सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण के लिए चुना है क्योंकि वे उच्च जोखिम वाले लोगों में शमिल हैं। प्रारंभिक चरण में प्राथमिकता समूह- हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन कर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जाएगा। लाभार्थी को टीकाकरण के लिए पंजीकरणकराना अनिवार्य है। इसके बाद पंजीकरण स्थल पर जाने और समय की जानकारी साझा की जाएगी। वैक्सीन लगाने के लिए लोंगों को मतदान की तरह अपना कोई भी पहचान पत्र दिखाना होगा। इन पहचान पत्रों में आधारकार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट के साथ-साथ मनरेगा का जॉबकार्ड और बैंक या पोस्ट आफिस का फोटो लगा पासबुक तक शामिल हैं।