केंद्र के किसान कानून के विरुद्ध नादौन में सीटू ने किया प्रदर्शन

एमसी शर्मा। नादौन

सीटू की अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर सोमवार को जिला कमेटी व किसान सभा इकाई नादौन द्वारा केंद्र के किसान कानून के विरुद्ध नादौन में जोरदार प्रदर्शन किया गया तथा शहर भर में रैली निकालकर इसका विरोध किया गया। इंद्रपाल चौक पर अपने संबोधन में सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर, जिला सचिव योगेंद्र कुमार व संयुक्त सचिव सुरेश कुमार ने कहा कि कृषि कानून लागू होने से खाद्य वस्तुएं जैसे दालें, चीनी, प्याज व अनाज की जमाखोरी बढ़ेगी और कंपनियां कृत्रिम कमी पैदा करके महंगाई बढ़ाएगी और किसानों को लूटा जाएगा।

वहीं, अनाज के समर्थन मूल्य को खत्म करने से अब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के लिए बाध्य नहीं होगी। इसलिए किसान समर्थन मूल्य को लेकर कानूनी प्रावधान चाहते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने मक्की का समर्थन मूल्य 1850 रूपय प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दिया है, परंतु हिमाचल में मक्की 800 से ₹1000 प्रति क्विंटल खरीदी जा रही है। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के प्रत्येक जिला में अनाज मंडी खोली जाए और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर अनाज खरीदा जाए।

सीटू ने कृषि में बड़ी कंपनियों सहित विदेशी कंपनियों को ठेके के आधार पर लाइसेंस देने का विरोध करते कहा कि पंजाब के किसान पेप्सी आदि कंपनियों की मार झेल चुके हैं। सीटू ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की मांग की। सीटू नेताओं ने शांता कुमार के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि शांता कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही यह किसान विरोधी कानून लाया गया है। सीटू नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि कानून वापस नहीं लिया गया, तो यह संघर्ष और तेज होगा। इसलिए सरकार को शीघ्र किसानों की मांगें माननी होंगी। इस दौरान केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की गई।