पर्यावरण संरक्षण में सामाजिक सहभागिता का भी अहम योगदान: राहुल कुमार

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। धर्मशाला

अतिरिक्त उपायुक्त एवं जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष राहुल कुमार ने कहा कि कांगड़ा जिला में प्रदूषण पर नियंत्रण करने तथा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय हरित अभिकरण के निर्देशानुसार जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों में संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल किए गए हैं और समिति के माध्यम से जिला पर्यावरण योजना तैयार की गई है। राहुल कुमार आज शुक्रवार को डीआरडीए सभागार में जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में सामाजिक सहभागिता को विशेष महत्व रहता है।

एडीसी ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें तथा संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्य करें। इसे व्यक्तिगत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी को करना चाहिए ताकि मानव गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके। इन क्षेत्रों में अधिकारियों के साथ-साथ आम जनता को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारी कदम उठाएं तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है। इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों का सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। राहुल कुमार ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण नगर निकाय क्षेत्रों में ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती है। नगर निकायों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि कचरे के सही निष्पादन पर जोर दें। उन्होंने कहा कि बायो-मेडिकल कचरे, ई-कचरे और अन्य हानिकारक कूड़े के निष्पादन में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

इस संबंध में सरकारी और निजी अस्पतालों तथा पशु चिकित्सालयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए। इस अवसर पर कचरा प्रबंधन योजना, प्लास्टिक प्रबंधन योजना, भवन निर्माण अपशिष्ट योजना, जल एवं वायु प्रदूषण योजना, जैव चिकित्सा अपशिष्ट योजना, हानिकारक कचरा प्रबंधन योजना, घरेलू सीवरेज प्रबंधन योजना तथा खनन गतिविधि प्रबंधन योजना पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें सभी विभागों को उनके कार्य क्षेत्रों के बारे में अवगत करवाया गया। बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में एसडीओ वरूण गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।