बच्चियों की सुरक्षा और अधिकारों से ना हो कोई समझौता: बाल कृष्ण

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर ने किया बालिका आश्रम का निरीक्षण

उज्ज्वल हिमाचल। कांगड़ा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर बाल कृष्ण गोयल ने आज शुक्रवार को कांगड़ा जिला के बालिका आश्रम गरली का दौरा कर वहां बच्चियों को दी जा रही सभी सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम का अध्ययन कर उसके तहत कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संस्थान में बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने आश्रम में रहने वाली बच्चियों से भी विस्तृत चर्चा कर उनको मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्रित की तथा उनके सुझावों को सुना। गोयल ने बालिका आश्रम में कमरों, रसोई घर, शोचालयों सहित प्रत्येक हिस्से का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि बच्चियों के समग्र विकास के लिए उनके पोषण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कर्मचारियों को आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार बालिका आश्रम में सभी आवश्यक रिकॉर्ड बनाए रखने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बच्चों की निरंतर काउंसलिंग के दौरान उनसे ज़रूरी स्वाल पूछने, उनके सुझावों को सुनने और एक सकारात्मक निष्कर्ष में पहुंचने के प्रयास करने चाहिए।
बच्चियों की बनायी जाएं समितियां, स्वयं करें संस्थान का संचालन
बालकृष्णन गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संस्थान के सुगम संचालन के लिए बच्चों की पांच प्रकार की समितियां बनायी जायें। उन्होंने कहा कि संस्थान में डिसिप्लिन कमेटी, फ़ूड कमेटी, एजुकेशन कमेटी, स्पोर्ट्स कमेटी और स्किल डेवलपमेंट कमेटी का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से बच्चियों को सशक्त बनाया जाए, जिससे वे स्वयं संस्थान का संचालन करें।
विभिन्न संस्थानों का करेंगे निरीक्षण
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संस्था में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कांगड़ा प्रवास के दौरान उनका मुख्य औचित्य बच्चों के शैक्षणिक संस्थान, बाल गृह, जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी सहित कारागार का निरीक्षण करना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार का मुख्य उद्देश्य धरातल पर जाकर यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को दिए गए मानवीय अधिकार उन्हें मिल रहे हैं या नहीं। नागरिकों को दिए गए मानवीय अधिकारों का कोई उल्लंघन तो नही हो रहा। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना है कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं और सभी कानून एवं एक्टों की पूर्ण रूप से पालना हो रही है या नही।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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