सूक्ष्म रुप से किया राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला-2021 का शुभारंभ

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला-2021 का शुभारंभ शनिवार को देव परंपरा अनुसार सूक्ष्म रुप से किया गया। आजादी के बाद पहली बार मेले के दिन देवी महामाया पांगण का विधिवत पूजन भी सुकेत सर्व देवता कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। जानकारी देते हुए सुकेत सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक सोनी ने कहा कि शनिवार से शुरू हुआ राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला इस बार भी वैश्विक महामारी कोरोना की भेंट चढ़ गया है, लेकिन सुकेत सर्व देवता कमेटी ने देव परंपराओं तथा रिती-रिवाजों को कायम रखा है।

उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला के पहले दिन सुकेत सर्व देवता कमेटी ने सर्वप्रथम मेला ग्राउंड सुंदरनगर में देव स्थानों पर सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा-अर्चना सूक्ष्म रुप से की। इसके उपरांत कमेटी के द्वारा क्षेत्र के मूल बाड़ा देओ नालनी, रोहांडा स्थित देव कमरुनाग, बुखारी स्थित मूल मांहुनाग, मडयुनी स्थित देव बडे़योगी, पांगणा स्थित महामाया, जयदेवी स्थित माहुंनाग तथा देवी कामाक्षा के मंदिर में जाकर देवताओं की विधिवत सूक्ष्म रुप से पूजा-अर्चना की तथा मेले का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि इस दौरान दौरान सभी मंदिर कमेटी के गुर, पुजारी तथा सदस्य मौजूद रहे। बता दें कि गत वर्ष लॉकडाउन के कारण भी मेले का पूजन पांच दिनों तक विधिवत रूप से किया गया था। वहीं, इस वर्ष भी सरकारी दिशा-निर्देशानुसार मेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। मेले में आनेे वाले देवी-देवताओं का सुंदरनगर सीमा पर पहुंचने पर पूजन होता है, जिसमें मूल मांहुनाग, देव महासु, देव बडे़योगी सहित अन्य देवताओं का चांबी तथा बड़ा देव कमरुनाग का पूजन धनोटू गांव में करने की परंंपरा है। इस अवसर पर उपप्रधान देवकीनंदन, सुरेश शर्मा तथा आचार्य रोशन, सचिव जयराम, सदस्य श्याम लाल, युधिष्ठिर, नानक चंद सहित सुकेत सर्व देवता कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहे।आजादी के 74 वर्षों बाद महामाया पांगणा का हुआ मेले के दौरान पूजन
डॉ. अभिषेक सोनी ने कहा कि इस बार आजादी के 74 वर्षों के बाद पहली बार सुकेत देवता मेले के दौरान सुकेत सर्व देवता कमेटी ने पांगणा स्थित राज राजेश्वरी देवी महामाया की पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि सुंदरनगर में स्थित देवी महामाया का मूल मंदिर पांगणा में स्थित है और पांगणा सुकेत के राजाओं की राजधानी रही है। देवी महामाया का रथ आज तक सुकेत मेला में नहीं आया है तथा सुकेत सर्व देवता कमेटी ने देवी का पूजन कर उन्हें सुंदरनगर लाने की प्रार्थना की है।

करसोग के सभी देवताओं को मेले में सम्मलित करने का किया जा रहा प्रयास
डॉ. अभिषेक सोनी ने कहा कि करसोग क्षेत्र में सुकेत रियासत के प्राचीन देवी देवता विद्यमान है तथा उनमें से केवल सात देवता ही सुकेत देवता मेले में आते हैं। जल्द ही सुकेत देवता कमेटी सभी मंदिरों की कमेटियों से मिलेगी तथा सुंदरनगर की जनता एवं श्रद्धालुओं के सहयोग से सभी देवी-देवताओं को मेले में लाने के प्रयास किया जाएगा। इससे राजाओं के समय के सभी देवी-देवता उसी मान सम्मान के साथ सुकेत देवता मेले में शामिल होकर लोगों को आशीर्वाद प्रदान कर सकें।