आज हड़सर पहुंचेगी दशनामी अखाड़ा की छड़ी यात्रा

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। भरमौर

भरमौर के शिव चेलों सहित भद्रवाही श्रद्धालु रविवार सुबह मणिमहेश यात्रा के लिए रवाना हो गए। शिव चेले सुरिंद्र कुमार के अनुसार शिव चेले 13 सितंबर को मणिमहेश झील पार कर राधा अष्टमी स्नान की शुरुआत करेंगे। जानकारी देते हुए पंडित ईश्वर दत्त शर्मा बताते हैं कि राधाष्टमी पर्व 13 सितंबर को दोपहर तीन बजकर 11 मिनट पर शुरू होगा व 14 सितंबर (मंगलवार) दोपहर एक बजकर नौ मिनट तक जारी रहेगा। इस दौरान मणिमहेश झील में स्नान फलदायी है। जिला की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा अपने अंतिम चरण पर पहुंच गई है।

बीते रोज जहां मणिमहेश यात्रा में राधाष्टमी पर्व पर होने वाले शाही स्नान के लिए दशनामी अखाड़ा की छड़ी यात्रा भरमौर से डल झील के लिए रवाना हुई। दो दिन पूर्व भद्रवाह, दशनामी अखाड़ा तथा चरपट नाथ की छड़ियां भरमौर पहुंच गई थीं, जिन्हें चौरासी मंदिर में विश्राम के लिए स्थापित किया गया था।इस कड़ी में शुक्रवार को शिव के चेलों ने भी यात्रा की अनुमति प्रदान करना आरंभ कर दिया था। शिव के परम भक्त त्रिलोचन के इन वंशजों को वरदान है कि उनकी अनुमति से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सफल रहती है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यात्रा पर निकले शिव चेलों व श्रद्धालुओं की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं।

हालांकि, बारिश के बीच भी यात्रा को सुचारू रखा गया है। जिन स्थानों पर पत्थर गिरने का खतरा रहता है, वहां पर अधिक सतर्कता बरती जा रही है। कोविड-19 के कारण वर्तमान में यात्रा में महज रस्में ही निभाई जा रही हैं। रस्में निभाने के लिए आवश्यक शिव चेलों व लोगों को मणिमहेश जाने की अनुमति है, जबकि अन्य लोगों को यात्रा पर जाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है, जिससे बहुत कम लोग ही मणिमहेश यात्रा पर जा पा रहे हैं।

प्रशासन की ओर से यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए प्रबंध किए गए हैंए जबकि पुलिस के जवान भी पूरी मुस्तैदी के साथ मणिमहेश की ओर जाने वाले लोगों की जांच कर रहे हैं। उधर, एसडीएम भरमौर मनीष सोनी का कहना है कि यात्रा को सुचारू रखा गया है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।