उज्जवल हिमाचल। शिमला
हिमाचल सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार के समय टाटा कंपनी को दिया गया बसों की खरीद का ऑर्डर बदल दिया है। पूर्व परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने विधानसभा चुनाव आने से पहले 350 बसें टाटा से खरीदने का परचेज ऑर्डर दिया था। इसके लिए तत्कालीन सरकार ने 140 करोड़ का लोन भी एचआरटीसी के लिए उठाया था, लेकिन अब सरकार बदलने के बाद इस परचेज ऑर्डर में बदलाव हुआ है।
परिवहन विभाग देख रहे उपमुख्यमत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि अगले बजट से पहले इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर काम चल रहा है। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि टाटा से अब 350 नहीं, बल्कि सिर्फ 150 बसें ली जाएंगी।
इसके अलावा सारी बसें डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक खरीदी जाएंगी। अभी मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश हैं कि आगामी बजट से पहले 300 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
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इस पर अफसरों की कमेटी काम कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार को करीब 400 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। यह पैसा जुटाने के लिए विभिन्न विभागों और एक्सटर्नल फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन से भी मदद ली जा रही है। इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए राज्य सरकार ग्लोबल टेंडर करेगी और अभी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि भारत में डिस्टेंस इलेक्ट्रिक बसें बनाने की कोई कंपनी अभी तक मिली नहीं है।
यह संभव है कि ये बसें बाहर से ही मंगवानी पड़ें, लेकिन इंपोर्ट की सूरत में यह मामला भारत सरकार तक भी जा सकता है। इसलिए अभी प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में अफसरों की टीम बस खरीद को लेकर संभावना तलाश रही है। इस खरीद से पहले इलेक्ट्रिक बसों की निर्माता कंपनियों को राज्य सरकार बुलाएगी।
लक्ष्य है कि आगामी बजट से पहले पहले यह प्रक्रिया पूरी हो जाए। इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियों से यह पता लगेगा कि राज्य सरकार किस मॉडल के तहत ये बसें खरीदेगी। अभी सिर्फ पूर्व भाजपा सरकार के समय से दिया गया डीजल बसों की खरीद का ऑर्डर ही सेटल हो पाया है। टाटा कंपनी के अधिकारी आकर सरकार से मिले हैं और 150 बसें खरीदने पर सहमति बन गई है। पुराने परचेज ऑर्डर के अनुसार बाकी 200 बसें टाटा से नहीं ली जाएंगी।