टैक्‍सी और निजी बस ऑपरेटर्स काे टोकन टैक्स में दी जाए 5 साल की छूट : राजेंद ठाकुर

उज्जवल हिमाचल टीम। शिमला/धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश के टैक्‍सी ऑपरेटर और निजी बस ऑपरेटर्स ने सरकार से कोविड-19 महामारी के बीच राहत की मांग की है। पिछले डेढ़ साल से कोरोना की मार झेल रहे टैक्सी आपरेटरों ने सरकार से टोकन टैक्स पांच वर्षाें के लिए माफ करने व टैक्सी परिमट बढ़ाने की मांग की है। इस संबंध में सोमवार को ऑल हिमाचल कामर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी का प्रतिधिमंडल अध्यक्ष राजेंद ठाकुर की अध्यक्षता में परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप से मिला। प्रतिनिधमंडल ने निदेशक को बताया कि कोरोना के कारण टैक्सी आपरेटरों का कारोबार ठप हो गया है।

जमीनें बेचकर टैक्सियां खरीदी थीं, मगर स्थिति यह है कि परिवार की रोजी रोटी का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। टैक्सी आपरेटर बैंकों की किस्तें जमा करने में असमर्थ हैं। अब बैंक टैक्सियां उठाकर ले जा रहे है। उन्होंने मांग की है कि संकट के दौर में टैक्सी ऑपरेटरों को राहत दी जाए। टैक्सियों की किस्तें और इंश्योरेंस को बिना किसी ब्याज के दो साल के लिए आगे बढ़ाया जाए। हर वर्ष टैक्सियों की पासिंग के लिए ग्रीन फीस देनी पड़ती है। कारोबार ठप होने के कारण टैक्सी आपरेटर ग्रीन फीस देने में असमर्थ हैं।

निजी बस आपरेटर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष रवि दत्त शर्मा ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि जब तक कोरोना काल रहता है, तब तक निजी बस आपरेटरों का स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स माफ करने की घोषणा की जाए। साथ ही निजी बसों के चालकों व परिचालकों को भी प्रति व्यक्ति दस हजार रुपए देने की घोषणा की जाए। सोमवार को जारी प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते आए हैं। अगर आज इस मुश्किल की घड़ी में सरकार से टैक्स माफी की मांग कर रहे हैं, तो सरकार को हमें टैक्स में राहत देनी चाहिए।