उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा
नेशनल शिपिंग बोर्ड के सदस्य कैप्टन संजय पराशर ने कहा है कि सफलता के लिए कोई शार्टकट नहीं होता है और असफलता कभी बहाने बनाने का मौका नहीं देती है। अगर कोई विद्यार्थी, किसी अन्य साथी अथवा सहपाठी के टॉप करने पर यह सोचते हैं, कि उन्होंने यह सफलता रातों-रात हासिल की है, या फिर उसकी अच्छी किस्मत होने की वजह से उसने यह मुकाम हासिल किया है, उनका यह सोचना सरासर गलत है। सफलता किसी को भी एक झटके में नहीं मिलती। लगातार प्रयास करते रहने से व्यक्ति एक दिन जरूर मंजिल को हासिल कर लेता है। पराशर ने चैन्नेई स्थित हिंदुस्तान इंस्टीच्यूट ऑॅफ मेरीटाइम ट्रेनिंग संस्थान के परिसर में विद्यार्थियों को मोटिवेशनल कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जिंदगी और करियर में कई उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। बावजूद उम्मीद को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। जीवन में आगे बढ़ने के लिए धैर्य, संयम और दृढ़ सकंल्प की आवश्यकता होती है।
खुद का उदाहरण देते हुए कैप्टन संजय ने कहा कि उन्होंने भी कई बार असफल होने के बाद सफलता का स्वाद चखा। कहा कि अाज के समय में मोबाइल का प्रयोग बहुत अधिक बढ़ गया है, लेकिन इंटरनेट की सहज उपलब्धता विद्यार्थियों में नकारात्मकता भी ला रही है। सच यह भी है कि कामयाबी में मोबाइल पर वाट्स एप, फेसबुक आदि फोन पर टाइमपास बड़ा रोड़ा बन रहे हैं। इसलिए सफलता हासिल करनी है तो इन कमियों पर भी विद्यार्थियों को ध्यान देना होगा। कहा कि अपनी पुरातन संस्कृति और गुरूजनों का सम्मान भी विद्यार्थियों को करना चाहिए। कोई भी शब्दकोष में देख लें, गुरू के बिना अधूरा है। गुरु की महत्ता को जिसने समझा है, उसने कामयाबी पाई है। मर्चेंट नेवी के जीपी रेटिंग और ग्रेजुएट मेराइन इंजीनियर के प्रशिक्षु छात्रों से सीधा संवाद करते हुए पराशर ने कहा कि मर्चेंट नेवी अाज के समय भविष्य बनाने के लिए बेहतरीन प्लेटफार्म है।
बेशक कोई भी युवा आत्मविश्वास के साथ किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार है तो वह मर्चेंट नेवी में करियर बनाकर पद, प्रतिष्ठा व नाम के साथ धन भी अर्जित कर सकता है। अगर कोई युवा मानसिक एवं शारीरिक रूप से फिट होने के साथ लग्न व मेहनत के साथ कैरियर बनाना चाहता है तो मर्चेंट नेवी से बढ़िया विकल्प कोई और नहीं है। बेशक युवाओं के लिए मर्चेंट नेवी में नौकरी करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन मर्चेंट नेवी युवा वर्ग के लिए रोमांच सरीखा कैरियर है और इसमें सम्मान व पैसा भी है। मर्चेंट नेवी आज के समय में एक उभरते हुए कैरियर के रूप में सामने आया है। इसमें एडवेंचर भी मिलता है। अलग अलग देशों में जाने का मौका मिलता है, जिससे किसी व्यक्ति को जीवन में अनुभव भी अधिक मिलता है।
कहा कि मर्चेंट नेवी में जाने के लिए युवा की फिटनेस बेहतर होनी चहिये। इसके आलावा होमसिकनेस की बीमारी भी नहीं होनी चाहिए। कहा कि मर्चेंट नेवी में सुरक्षित भविष्य का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि इससे संबंधित कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स कभी खाली नहीं बैठते हैं। वर्तमान में मैरीन इंजीनियरों की संख्या में बढोत्तरी देश ही नहीं, विदेशों में भी हो रही है। देश में व्यापार विनिमय के उछाल ने इस क्षेत्र के क्रेज में इजाफा ही किया है। इस अवसर पर संस्थान के छात्रों द्वारा की गई मार्च पास्ट परेड में भी संजय पराशर ने सलामी दी। संजय व उनकी पत्नी सोनिका पराशर संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों से भी मिले।